करवा चौथ
चमकती रहे माथे की बिंदिया,
सजा रहे माथे का सिंदूर ,
हाथों की मेहंदी रची रहे,
खनकती रहे चूड़ियां भरपूर,
चांद की चांदनी ,
साजन की सजनी का त्यौहार,
अमर प्रेम ,सात वचनों का यह प्यार,
असीम प्रेम, प्यार का यह त्यौहार,
यह निर्जला व्रत,
प्रियतम तुम्हारे प्यार का एहसास,
करवा चौथ का यह त्यौहार,
हर सुहागिन के ,
सुहाग की सलामती का वरदान,
साज,श्रृंगार का यह त्यौहार,
मांगू प्रियतम की लंबी उम्र का वरदान,
इस जन्म नहीं, सात जन्मों तक मांगू आपका साथ,
आज हर प्रियतमा अपने प्रियतम संग सजेगी,
जब प्रियतम के हाथ से निर्जला व्रत खोलेगी,
करवा चौथ के चांद तुम्हें अपनी चांदनी की कसम ,
आज तुम जल्दी-जल्दी आना ,
आज के दिन प्रत्येक सुहागिन को अमर सुहाग का वर दे जाना
लेखिका – श्रीमती रश्मि नामदेव शारीरिक शिक्षिका एवं सेल्फ डिफेंस मास्टर ट्रेनर ,कोटा, राजस्थान