आंसू (कविता – रश्मि नामदेव)

Sufi Ki Kalam Se

आंसू (कविता)

रश्मि नामदेव शारीरिक शिक्षिका एवं सेल्फ डिफेंस मास्टर ट्रेनर कोटा राजस्थान

कजरारे नैनों से जो अश्रु धारा, बनाकर बहे,
वह है आंसू,

भावनाओं को अभिव्यक्त करें ,
वह है आंसू,

सुख-दुख में साथ निभाए,
वह है आंसू,

दिल के तारों का स्वर है,
यह आंसू,

सुख में मोती बनकर ,
आंखों से झलके, यह आंसू

दुख में दर्द बनकर,
आंखों से बहे,यह आंसू

दिल की भाषा को ,
अभिव्यक्त करने का माध्यम है ,
है यह आंसू,

जो शब्दों से न कह पाए,
वह सब कुछ बयां करे,
यह आंसू,

दिल के टूटने का शोर है,
यह आंसू,

बेटी की विदाई पर ,
आशीर्वाद स्वरुप है,
यह आंसू,

किसी की जुदाई पर तड़प है ,
यह आंसू,

यह अश्रुधारा नहीं,
यह शब्द धारा है,
यह आंसू,

सबका साथ छूटने पर भी,
जो सदा साथ रहे ,
वह है आंसू,

रश्मि नामदेव शारीरिक शिक्षिका एवं सेल्फ डिफेंस मास्टर ट्रेनर कोटा राजस्थान


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