आंसू (कविता)
कजरारे नैनों से जो अश्रु धारा, बनाकर बहे,
वह है आंसू,
भावनाओं को अभिव्यक्त करें ,
वह है आंसू,
सुख-दुख में साथ निभाए,
वह है आंसू,
दिल के तारों का स्वर है,
यह आंसू,
सुख में मोती बनकर ,
आंखों से झलके, यह आंसू
दुख में दर्द बनकर,
आंखों से बहे,यह आंसू
दिल की भाषा को ,
अभिव्यक्त करने का माध्यम है ,
है यह आंसू,
जो शब्दों से न कह पाए,
वह सब कुछ बयां करे,
यह आंसू,
दिल के टूटने का शोर है,
यह आंसू,
बेटी की विदाई पर ,
आशीर्वाद स्वरुप है,
यह आंसू,
किसी की जुदाई पर तड़प है ,
यह आंसू,
यह अश्रुधारा नहीं,
यह शब्द धारा है,
यह आंसू,
सबका साथ छूटने पर भी,
जो सदा साथ रहे ,
वह है आंसू,
रश्मि नामदेव शारीरिक शिक्षिका एवं सेल्फ डिफेंस मास्टर ट्रेनर कोटा राजस्थान