दसवीं बोर्ड के विद्यार्थी, कर्मोन्नति के बाद विषय चयन कैसे करे?

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दसवीं बोर्ड के विद्यार्थी आगे क्या करे?
हाल ही में राज्य सरकार द्वारा दसवीं और बारहवीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर दी गई है जिसे लेकर पूरे राज्य में अफरा तफरी का माहौल है। विद्यार्थियों के मन में आगे क्या होगा? अंक निर्धारण कैसे होगा? पर्सेंटाइल कितने देंगे? आगे के विषय का चयन कैसे करेंगे? जैसे अनगिनत सवालों को लेकर विद्यार्थियों सहित समस्त अभिभावक भी पशोपेश में पड़े हुए हैं। ऐसे में, हमने दसवीं बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए तैयार किया है ये विशेष आर्टिकल।
सबसे पहले तनाव से बाहर आए-
कोरोना वाइरस ने पूरी दुनिया की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक व्यवस्था के साथ साथ शैक्षिक व्यवस्थाओं में बदलाव कर दिया है तो जिस तरह पूरी दुनिया इसे भूलकर आगे बढ़ रही है, तो हमे भी इस उलझन से बाहर आकर ये एहसास करना चाहिए कि जो हुआ सो हुआ। उस पर पछताने या ज्यादा विचार की आवश्यकता नहीं है क्योंकि जो हुआ पूरी दुनिया के साथ हुआ है तो यहां प्रतिस्पर्धा में आगे पीछे रहने जैसी कोई बात नहीं है। रही बात अंक निर्धारण या पर्सेंटाइल की तो उसमे भी परेशान होने जैसी कोई बात नहीं है क्योंकि यह काम कब और कैसे करना है इस बारे में संबंधित विभाग और अधिकारियों को सोचने दे, यह आपका काम नहीं है, आप इससे आगे का सोचे।
कौनसा विषय चुने?:-
दसवीं के बाद अगर कोई सवाल सबसे ज्यादा परेशान करता है तो वो यह है। हालाँकि कई विद्यार्थी पहले से ही अपना विषय निश्चित किए भी रहते हैं लेकिन जो अपने विषय को लेकर अभी भी कशमकश में है वह अपनी काउंसलिंग इस तरह से करे।
स्वमूल्याकंन करे –
विभाग भले ही कोरोना के चलते बोर्ड परीक्षाएं निरस्त कर चुका हो लेकिन आपने घर पर रहकर नियमित रूप से अध्ययन किया है तो, घर पर ही किसी की निगरानी में बोर्ड परीक्षा की तरह के पेपर तैयार करवा कर ईमानदारी से उन्हें करे और उसका वास्तविक परिणाम भी प्राप्त करे। ऐसा करने से हमे हर विषय का अलग अलग मूल्यांकन प्राप्त हो सकेगा जिसकी वज़ह से हमारा मनोबल भी बढ़ेगा और हमे अगली कक्षा के लिए विषय चुनने में भी आसानी होगी।

साइंस विषय कब चुने?
अगर आपका सपना डॉक्टर बनना है या फिर चिकित्सा एंव मेड़िकल विभाग मे रुचि है तो आपको निश्चित रूप से सांइस विषय का ही चुनाव करना है। हालांकि सांइस विषय लेने से पहले आपको फिजिक्स, कैमिस्ट्री जैसे विषयों मे रुचि या कठिनाई का स्तर परख लेना चाहिए जिससे आपको भविष्य में आपके विषय चयन को लेकर पछताना ना पड़े। विज्ञान संकाय आर्ट्स के बाद चुना जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा संकाय है। पहले इसका अध्ययन शहरी क्षेत्रों तक सीमित था लेकिन आज ना सिर्फ कस्बों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसक अच्छा खासा चलन एंव सुविधाए है। इस विषय के माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र में अगर बड़ी पोस्ट पर कामयाबी नहीं मिल पाती तब भी संबंधित विभाग में कई श्रेणियों मे नौकरियां मिलने के प्रयाप्त अवसर मिल जाते हैं। इस विषय का चयन करने से पूर्व दसवीं विज्ञान की पुस्तक में से फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बॉयोलॉजी के अलग अलग भागों पर आपका पूर्व ज्ञान कर लेना आपके लिए उपयोगी साबित होगा।



गणित विषय क्यों चुने?
अगर आपको एक कामयाब इंजीनियर बनना है या नैवी, एयरफोर्स जैसी सेवा में जाना है तो आप दसवीं के बाद गणित विषय को चुने। गणित विषय को सम्पूर्ण विषयो में सबसे जोखिमभरा विषय माना जाता है इसलिए इसका चयन करने से पूर्व इसकी तमाम चुनौतियौं एंव कैरियर संबंधित जानकरी प्राप्त कर लेनी चाहिए। गणित विषय में फिजिक्स के बारे में थोड़ा रिसर्च कर ले क्योंकि गणित में यही विषय सबसे चुनौतीपूर्ण होता है। गणित विषय जितना जोखिमभरा है उससे कई गुना ज्यादा इसमे संभावनाएं भी है। गणित विषय के विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में कैरियर बनाने की अपार संभावनाएं हैं।



मुझे कला संकाय क्यों चुनना चाहिये?
कला विषय को एक सामान्य विषय माना जाता है क्योंकि देश में अधिकांश छात्र इसी विषय को चुनते हैं। आर्ट्स विषय का अर्थ ही कला होता है तो इसके विद्यार्थी कलाकार कहलाते हैं जो किसी भी क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते हैं लेकिन इसी विषय को लेकर कुछ विधार्थी अपना भविष्य संवारते है तो कुछ बिगाड़ भी लेते हैं क्योंकि इस विषय को लेकर विद्यार्थियो में जागरुकता की काफी कमी है। समय पर उचित कांउसलिंग के अभाव और महाविद्यालयों में इनके नियमित अध्ययन की कमी के चलते कई विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग जाता है।
कला संकाय का का चयन करने से पूर्व आपको इसके अंतर्गत पढ़ाए जाने वाले सम्पूर्ण विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त होनी चाहिए क्योंकि कला संकाय में सबसे अधिक विषय सम्मिलित हैं और उनमे से केवल तीन का चयन करना होता है। ऐसे में हमे भविष्य में क्या बनना है जैसी रणनीति के तहत विषय का चुनाव करना चाहिए। कई विद्यार्थी बारहवीं बोर्ड में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए आसान विषयों का चयन कर अच्छे अंको से बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण कर तो लेते हैं लेकिन यह उनके कैरियर के हिसाब से ठीक साबित नहीं हो पाते हैं क्योंकि उनका विषय चयन, कैरियर बनाने की अपेक्षा बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करना था।



वाणिज्य संकाय पर भी विचार करे?
उपरोक्त तीनों विषयों के बाद राजस्थान में वाणिज्य का भी अच्छा खासा चलन है लेकिन इस विषय की पढ़ाई केवल शहरी क्षेत्रो तक ही सीमित है। ग्रामीण क्षेत्रों के विधालयों मे यह विषय मिल तो जाता है लेकिन अध्ययन के विकल्प एंव मार्गदर्शन बिल्कुल नहीं मिल पाता है। अगर आपकी व्यापारिक (बिजनेस) क्षेत्र में रुचि है या फिर आपको एक काबिल सीए बनना हो, या फिर विभिन्न क्षेत्रों में मैनेजमेंट का काम पंसद हो तो आपको अनिवार्य रूप से इसी विषय का चयन करना होगा।



कृषि संकाय में क्या होता है?
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस विषय के माध्यम से कृषि एंव पशुपालन के क्षेत्र में निपुणता पाई जा सकती है। कृषि संकाय के माध्यम से कृषि एंव पशुपालन सम्बन्धित सम्पूर्ण विभाग, ड़ेयरी उधौग,
वैटरनरी डिपार्टमेंट, बैंक आदि विभिन्न क्षेत्रों में कैरियर बनाया जा सकता है जो सिर्फ कृषि संकाय के विद्यार्थियों के लिए ही आरक्षित है।



प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए कौनसा विषय चुने :-
दसवीं बोर्ड मे मेरिट होल्डर विद्यार्थियों सहित अन्य कई छात्र छात्राओं का प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना होता है। ऐसे में दसवीं के बाद यह प्रश्न उनकी परेशानी को और अधिक बढ़ा देता है। तो हम यहा पर स्पष्ट कर देते हैं कि प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए सिर्फ स्नातक की डीग्री होना चाहिए चाहे वो किसी भी संकाय की हो। फिर दूसरा प्रश्न यह आता है कि स्नातक मे क्या विषय चुने जाएं जिससे आरएएस या आईएएस की परीक्षा पास करने में आसानी हो तो इसका ज़वाब यह है कि ऐसा कोई एक विषय नहीं है जिससे यह दोनों परीक्षा आसानी से उत्तीर्ण की जा सके क्यूंकि आरएएस या आईएएस बनने के लिए केवल एक विषय मे दक्ष हो जाने से भर से काम नहीं चलता है। आप जो भी संकाय चुनेंगे उसका एक निश्चित प्रतिशत हिस्सा इस परीक्षा में आएगा, शेष हिस्सा दूसरे विषयों पर आधारित होगा। इसलिए किसी एक संकाय को चुनकर आरएएस या आईएएसयह परिक्षा उत्तीर्ण करने की भ्रांति मन से निकाल दे।
उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पढ़कर कई सारे प्रश्नों का उत्तर मिल गया होगा।.
अब आपको चाहिए कि अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के विषय देखकर विषय चुनने की जगह अपने स्व विवेक से फैसला लेकर अपने कैरियर को संवारे। हम आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।
नासिर शाह (सूफ़ी)


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