राज्य में जल्द जवाबदेही कानून पास किया जाए – निखिल डे (गेस्ट रिपोर्टर फिरोज़ खान)

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जब मजदूर की नपती की व्यवस्था है तो सरकारी कार्मिकों की नपती की व्यवस्था की जाए और राज्य में जल्द जवानदेही कानून पास किया जाए – निखिल डे

राज्य में मुख्य विपक्षी एवं सत्ताधारी दल जनता के मुद्दों से दूर तब सामाजिक संगठन उठा रहे हैं जवाबदेही की बहुत ही जायज मांग -प्रशांत पाटनी

सहरियो की जमीनों पर आज भी दूसरों का कब्जा जिसे प्रशासन तुरंत हटाए – यसोदा बाई सहरिया

फिरोज़ खान
बारां न्यूज। सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान द्वारा फिर से शुरू की गई द्वितीय जवाबदेही यात्रा आज बारां जिला मुख्यालय पर पहुंची जहां पर बड़ी संख्या में सहरिया जनजाति के लोग अपनी शिकायतों को लेकर आएं हुए थे।
यात्रा की शुरुआत रैली से हुई और फिर यह प्रताप चौक पर पहुंचकर सभा में बदल गई जहां पर कई वक्ताओं ने इसे संबोधित किया।



सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान से जुड़े *निखिल डे* ने कहा कि जब महात्मा गांधी नरेगा में मजदूर काम करने जाते हैं तो उनके काम की नपती की जाती है और उसके बाद ही जो जितना काम करते हैं उन्हें उतना पैसा मिलता हैं लेकिन सरकार के अंदर कोई काम पूरा करे, कम करे या बिल्कुल नहीं करे तनख्वाह बराबर मिलती रहती है। ऊपर से रिश्वत और मांगते हैं। इसलिए हम सरकार से उनके कार्मिकों की नपती की मांग कर रहे हैं जो जवाबदेही कानून है।

यहां पर सभा को संबोधित करते हुए एडवोकेट व पूर्व सरपंच *प्रशांत पाटनी* ने कहा कि आज राज्य में सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनों ही जनता के मुद्दों से दूर चलें गए हैं ऐसे में राज्य के सामाजिक संगठन ही हैं जो राज्य में जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। इसलिए हम सभी इस कानून का समर्थन करते हैं।

जागृत महिला संगठन से जुड़ी *यसोदा बाई सहरिया* ने कहा कि आज भी बहुत सहरियों की जमीन आज भी दूसरे दबंग लोगों ने कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा कि आज भी सहरिया जनजाति आज भी आजाद नजर नहीं आती है। प्रशासन को तुरंत सभी सहरियों की जमीन से कब्जा हटवाना चाहिए।

*श्रीराम स्टेडियम से प्रताप चौक तक निकाली रैली:-* जवाबदेही आन्दोलन की ओर से श्रीराम स्टेडियम से प्रताप चौक तक रैली निकाली जिसमें लोगों ने रैली में जवाबदेही कानून लाये जाने सहित सवाल है- सवाल है, जवाब दो- जवाब दो के नारे लगाये.
*प्रताप चौक पर यात्रा के स्वयंसेवकों ने लिखी शिकायतें*
जवाबदेही यात्रा के शक्ति सिंह, रेखा, कमलेश, बेनीप्रसाद, नरपत, ठाकुर, रमेश आदि ने विभिन्न गांवों से आए लोगों की शिकायतें लिखीं। यहां पर कुल 60 शिकायतें लिखीं गई जिन्हें जिला कलेक्टर को सौंपा गया और इन्हें जवांदेही यात्रा के इवेंट में दर्ज कर कार्यवाही शुरू की जायेगी।
*जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक और विभिन्न शिकायतों पर मांगी जवाबदेही:-* जिला कलेक्टर श्री नरेंद्र गुप्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, श्रम विभाग सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।और अभियान की ओर से निखिल डे, चंदालाल, रमेश सेन, प्रशांत पाटनी, आर डी व्यास, यसोदा बाई आदि ने मुद्दे रखे। सबसे पहले प्रशासन गाँव और शहर के संग प्रकरणों की प्रगति, सिलिकोसिस, पालनहार, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, महात्मा गाँधी नरेगा में काम और रिजेक्ट पेमेंट, स्कूलों में खेल मैंदान और उन पर स्कूल का कब्ज़ा, स्कूलों और अस्पतालों में स्टाफ, कचरा बीनने वाले, शहरी रोज़गार गारंटी योजन सहित कई अन्य योजनाओं पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।

*जिला कलेक्टर ने दिया उचित कार्यवाही करने का आश्वासन:* जिला कलेक्टर नरेंद्र गुप्ता ने सभी समस्याओं को बहुत ही गंभीरता से सुना और सभी शिकायतों पर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया. कुछ समस्याओं के संबंध में मौके पर ही अधिकारियों को निर्देशित किया। एक कई महत्वपूर्ण शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें सहरियों की जमीन पर कब्जे, महात्मा गांधी नरेगा, वन अधिकार के तहत वन विभाग ने 8 विद्यालयों के पट्टे निरस्त कर दिए जबकि वन अधिकार के तहत वहां पर सामुदायिक पट्टे दिए जा सकते थे।
*रैली को किया संबोधित*
रमेश सेन, धर्मचंद खैर, आर डी व्यास, सतवीर जारौली, आदि ने भी संबोधित किया।

कल जवाबदेही यात्रा झालावाड़ में:कल जवाबदेही यात्रा अगले जिले के पड़ाव में झालावाड़ जिला मुख्यालय पर होगी जहाँ पर लोगों की शिकायतें लिखी जाएँगी और जिला प्रशासन के साथ मीटिंग की जाएगी और बारां शहर में रैली भी निकाली जाएगी.

पिछले एक दशक से भी अधिक समय से जवाबदेही कानून की मांग राज्य में की जा रही है. गौरतलब है कि सूचना का अधिकार, महात्मा गाँधी नरेगा, सामाजिक अंकेक्षण जैसे कानून और प्रयासों के लिए राजस्थान से आन्दोलन की शुरुआत हुई और ये कानून बने और पूरे देश में फैले. जवाबदेही कानून आरटीआई पार्ट-2 है, जो पारदर्शिता से जवाबदेही की ओर ले जायेगा. ये कानून राज्य में लोकसेवकों की जनता के प्रति जवाबदेही स्थापित करेगा.

2018 में राजस्थान कांग्रेस कमेटी ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि वे जवाबदेही कानून लाएंगेI काँग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रामलुभाया के नेतृत्व में कानून का मसौदा बनाये जाने और अपने सिफारिश देने के लिए समिति बनाई, जिसने कानूनी मसोदा जनवरी 2020 में प्रस्तुत कर दिया थाI मुख्यमंत्री ने 2022-23 के बजट में पुनः जवाबदेही कानून लाने की घोषणा की है लेकिन आज दिन तक उस कानून के मसौदे को विधानसभा के पटल पर नहीं रखा गयाI

आपको ज्ञात है कि 33 जिलों में जा रही यात्रा का संयोजन सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान राजस्थान ( एस आर अभियान) कर रहा है जो लगभग 80 सामाजिक आंदोलनों, अभियानों व संगठनों का सामूहिक मंच है I यह अभियान पिछले 17 वर्षों से जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दे उठाता रहा है और उन पर जवाबदेही की मांग करता रहा है. आप सभी जानते हैं कि इसी वर्ष 5 जनवरी 2022 को कोविड के मामले बढ़ने की वजह से इस दूसरी जवाबदेही यात्रा को कोटा में स्थगित करना पड़ा था. पूर्व में की घोषणा के अनुरूप आज वापस यात्रा इसी कोटा शहर से शुरू हो रही है।


ज्ञात हो की 2015-16 में एस आर अभियान द्वारा राजस्थान के सभी 33 ज़िलों में 100 दिन की पहली जावाबदेही यात्रा निकाली गयी थी। यात्रा के दौरान अभियान द्वारा लगभग 10,000 शिकायतों का पंजीकरण किया गया जिन्हें राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर भी डाला गया था और उनके पीछा किया गया था। इसके बाद जयपुर में 22 दिन का जावाबदेही धरना लगाया गया और सरकार से तुरंत यह क़ानून पारित करने की माँग की गयी ताकि लाखों लोगों के मूलभूत अधिकारों के हो रहे उल्लंघन को रोका जा सके।

शंकर सिंह, श्याम लाल, वकताराम, ऋचा औदिच्य, चन्द्रकला, रणछोड़ देवासी, भँवर मेघवंशी, नरसाराम, लाडूराम, लखमाराम, ताराचंद वर्मा, चेतनराम, रावतराम, मोहनराम, तोलाराम, अनीता सोनी, प्रेम कँवर डांगी, मनीषा, पप्पूराम, नौरतमल, कमल कुमार, पारस बंजारा, विनीत भाम्भू,मुकेश निर्वासित, मूलचंद तथा अभियान के अन्य सभी साथी।


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