कोटा के सागोंद मे, बाढ़ के प्रकोप से जनजीवन अस्त व्यस्त

Sufi Ki Kalam Se

कोटा के सागोंद मे, बाढ़ के प्रकोप से जनजीवन अस्त व्यस्त

पिछले महीने तक तो प्रदेश भर में बारिश नहीं आने से आमजन इतने परेशान थे कि रात दिन बारिश की दुआएं करते और ना ना प्रकार के जतन करते। फिर जब बारिश आई तो ऐसी आई की लाखो लोगों को खून के आंसू रुला गई।
हाड़ौती क्षेत्र में कोटा के खातोली कस्बे से शुरू हुआ बाढ़ से तबाही का यह मंजर शुक्रवार रात को सागोंद शहर तक पहुँच गया। जब सारा शहर नींद की आगोश में था तब बाढ़ ने शनिवार की सुबह 2 बजे करीब शहर में विकराल रूप धारण कर लिया और दिन ढलते ढलते पूरे शहर के लगभग 80 फीसदी हिस्से को डुबो दिया। शहरवासियों ने कभी नहीं सोचा था कि यह बाढ़ इतना विकराल रूप ले लेगी, सोचते भी कैसे क्यूंकि इससे पहले वहां बाढ़ ने इतना भीषण रूप कभी नहीं लिया था। मगर इस बार लगातार एक हफ्ते की बारिश और भीमसागर बाँध फुल होने के साथ ही कुछ अन्य कारणों सहित, बाढ़ ने यह विकराल रूप लिया और पिछले कई सालो का रिकॉर्ड तोड़ कर एक नया इतिहास कायम कर दिया।
6 अगस्त की वो बाढ़ भरी सुबह से लेकर देर रात तक चले बाढ़ के इस तांडव को यह शहर (सागोंद) कभी नहीं भूल सकता। 7 अगस्त की सुबह इस शहर के लिए उम्मीद भरी रही और रात होने से पहले पहले, बाढ़ ने लगभग इस शहर को रोते बिलखते छोड़ कर अलविदा कह दिया।
एक तरफ बाढ़ का यह विकराल रूप था तो दूसरी तरफ शहरवासियों और समाजसेवी संगठनों के काम को भी हमेशा याद किया जाता रहेगा जिन्होंने बहुत ही बुद्धिमानी और हिम्मत से इस समस्या पर काबू पा लिया। कई लोगों को रेस्क्यू कर बचाया गया तो कईयों के सामान सुरक्षित किए। लोगों तक भरपेट भोजन पहुंचाने के साथ ही कई सामाजिक काम अंजाम दिए गए। स्थानीय प्रशासन सहित कई संगठनों ने इस मुश्किल घड़ी में पीड़ितों के साथ खड़े रहकर इंसानियत का संदेश दिया।


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