‘फिलिस्तीन’ गेस्ट पॉएट रईस अहमद की ग़ज़ल

Sufi Ki Kalam Se

उनको ये गिला है कि जाके कहीं डूब मरे हम
नज़रों से उनकी दूर बहुत कहीं जाके बसे हम
दिखता नहीं दूर तलक कोई किनारा
ये कैसे समंदर में खुदा आके फंसे हम
हो कैसे ग़म दूर फिलस्तीन का दिल से
आँखों को किए नम चलो ईद मिले हम
दुनिया से मिला न जब कोई सहारा
मजबूर हो के रब तेरे दर पे गिरे हम
है आज जो हालात रईस न वो आइंदा कभी हो
चलो मिल्लत की भलाई की दुआ रब से करे हम
गेस्ट पॉएट रईस अहमद


Sufi Ki Kalam Se

12 thoughts on “‘फिलिस्तीन’ गेस्ट पॉएट रईस अहमद की ग़ज़ल

  1. Pingback: pilsakmens
  2. Pingback: jarisakti
  3. Pingback: naga356
  4. Pingback: APEX aimbot
  5. Pingback: LOTTOVIP

Comments are closed.

error: Content is protected !!