कोविड स्वास्थ्य सहायकों का सम्मान करने की जगह पेट पर ही लात मार दी सरकार ने
जब पूरी दुनिया में कोरोना का तांडव फैला हुआ था। हर कोई उस भयंकर महामारी से बचने के लिए अपनों के नजदीक जाने से भी डर रहा था, उस दौर में नवनियुक्त कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने अन्य चिकित्साकर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर और अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों का टीकाकरण किया। अब चूँकि प्रदेश में काफी हद तक टीकाकरण का लक्ष्य पूरा हो गया है, और कोरोना महामारी भी इन्हीं वारियर्स की बदौलत नियंत्रण में है। कोविड स्वास्थ्य सहायकों के अभूतपूर्व प्रयास के बदले सरकार को इन यौद्धाओं का सम्मान करना चाहिए था लेकिन इनका काम पूरा होते ही राजस्थान की गहलोत सरकार ने इनकी सेवायें खत्म कर इनके पेट पर लात मार दी है। हालांकि इनकी सेवाएं पूरी तरह से अस्थाई तौर पर थी लेकिन कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने अपनी जान की रिस्क लेकर, इस नोकरी को इस उम्मीद से जॉइन किया था कि सरकार हमारे काम से खुश होकर हमारा कार्यकाल बढ़ा दे ताकि इस महंगाई और बेरोजगारी के दौर में हमे कुछ समय तक अर्थिक संबल मिल सके।
गौरतलब है कि कोविड स्वास्थ्य सहायकों की भर्ती किसी प्लेसमेंट एजेंसी ने ना निकाल कर राज्य सरकार ने निकाली थी और लगभग 28000 स्वास्थ्य सहायकों को जुलाई 2021 से टीकाकरण जैसे मुख्य काम पर लगाया गया था। इन्हें मात्र 7900 के वेतन पर अस्थाई रूप से नियुक्त किया गया जिसका भुगतान पंचायती राज विभाग द्वारा दिया जाता था।
2022 के अशोक गहलोत सरकार लोक लुभावने बजट में इन स्वास्थ्य सहायकों के लिए “मेडिकल हेल्थ वॉलंटियर फोर्स (MHVF) नाम का कैडर बनाने की घोषणा हुई थी जो वर्तमान में थोथी साबित हो चुकी है। मुख्यमंत्री की इस बजट घोषणा का सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने स्वागत कर हर्ष व्यक्त किया था लेकिन कुछ ही दिनों में उनकी सारी खुशियां मातम में बदल गई।
राजधानी जयपुर में उमड़ा कोविड स्वास्थ्य सहायकों का सैलाब –
कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने कार्यमुक्त कर दिए जाने के विरोध में राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना देकर राज्य सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने उनके साथ धोखा किया है। बुरे समय में हमसे काम लिया और जब हमारे सहयोग से बुरा समय टल गया तो हमे ही बेरोजगार कर दिया है। स्वास्थ्य सहायकों के इस धरने का राजस्थान के विपक्ष सहित कई राज्यों की गैर कॉंग्रेसी सरकारों ने भी समर्थन किया है।
सांसद हनुमान बेनीवाल, और दिया कुमारी सहित कई नेताओ ने इसे अन्यायपूर्ण बताते हुए राजस्थान सरकार पर हमला बोला है।
सूत्रों के अनुसार सोमवार को आम आदमी पार्टी प्रमुख, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान धरने को संबोधित कर सकते हैं और राजस्थान सरकार से इनके नियमितीकरण की मांग कर सकते हैं ।
– नासिर शाह (सूफ़ी)
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