डॉ कफील खान का अजमेर दौरे पर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू सिर्फ सूफ़ी की कलम से पर
ख्वाजा साहब ने दुनिया भर में साम्प्रदायिक एकता की मिसाल कायम की – डॉ कफील खान
सूफ़ी – डॉ साहब, सबसे पहले तो राजस्थान की सरजमीं पर आपका स्वागत है। आज आप ख्वाजा साहब की जियारत के लिए आए हैं उसके लिए आपको मुबारकबाद । अब आप बताये कि आज आपकी अजमेर जियारत के क्या मायने समझे जाए? और ये आपकी पहली जियारत है या आप पूर्व में भी यहां आ चुके हैं?
डॉ कफील – जी मेरी अजमेर यात्रा के कोई मायने नहीं निकाले जाए, मैं यहा सिर्फ जियारत के मक़सद से आया हूं और ख्वाजा साहब के दरबार में ये मेरी पहली अजमेर जियारत है। इससे पहले, काफी सालो पहले मेरे वालिद साहब यहां आए थे।
सूफ़ी – डॉ साहब हमने देखा कि आज आपने ख्वाजा के दरबार में झाड़ू भी लगाया, इसका क्या इशारा समझा जाए?
डॉ कफील – मोहब्बत , भाईचारे , अमन का पैग़ाम – हज़रत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती
कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता, सब बराबर हैं।
सूफ़ी – आप एक चर्चित व्यक्ति है, ऐसे में आज इस मौके पर आप राजस्थान की जनता के नाम कोई तो संदेश देना चाहेंगे?
डॉ कफील – सिर्फ राजस्थान की जनता को ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता से कहना चाहता हूं कि ख्वाजा साहब ने पूरे देश को साम्प्रदायिक सद्भाव का संदेश दिया था। एक नये सूफ़ी दौर और सूफ़ी संगीत का आगाज़ किया था। आजकल हम देख रहे हैं कि देश में धर्म के नाम पर नफरते बढ़ रही है। लोगों को एक दूसरे से दूर रखने की कोशिश की जा रही है। इन्हें खत्म किया जाना चाहिए।
सूफ़ी – जी आप कह रहे हैं कि धर्म के नाम पर नफरते बढ़ रही है तो क्या हम ये समझे की आपके साथ गोरखपुर में जो हुआ वो आपके मुस्लिम होने की वजह से हुआ?
डॉ कफील – जी नहीं। अगर मेरी जगह कपिल मिश्रा भी होते तो उनके साथ भी यही होता। आखिर सरकार को किसी ना किसी के ऊपर तो इसका ठीकरा फोड़ना ही था।
सूफ़ी – मतलब आप ये कहना चाहते हैं कि आपके साथ धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं हुआ लेकिन सरकार ने आपके ऊपर ही क्यों इसकी सारी जिम्मेदारी डाल दी और अब उस केस की क्या स्थिति है? क्या आप बरी हो गए या अभी भी केस पेंडिंग है?
डॉ कफील – यह बात तो सरकार ही जाने की क्यों मुझ पर सारे आरोप मढ दिए गए, जबकि मैने तो मेरी ड्यूटी पूर्ण निष्ठा के साथ पूरी की थी। और रही बात केस की तो, सुप्रीम कोर्ट ने तो बरी कर दिया है लेकिन निचली अदालतों में अभी भी केस चल रहा है।
सूफ़ी – उस केस के बाद आप पूरे देश में जहाँ जहाँ जरूरत पड़ी आप गए और लोगों का निःशुल्क इलाज किया? आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी या आपको ये प्रेरणा कैसे मिली?
डॉ कफील – जब मैं जेल में था तो मैंने महसूस किया कि देश में कई लोगों को इलाज की जरूरत हमेशा रहती है। बस यहि सोचकर मैंने जंहा मुझे महसूस हुआ वहाँ गया और अपनी जिम्मेदारी निभाने लगा। हमने सौ से ज्यादा कैम्प किए और पचास हजार से ज्यादा लोगों का निःशुल्क इलाज किया।
सूफ़ी – आजकल किस अस्पताल में आप सेवायें दे रहे हैं उसी गोरखपुर के उसी अस्पताल में या कहीं और?
डॉ कफील – आजकल कहीं सेवायें नहीं दे रहा हूँ। एम्पलॉइ तो उसी अस्पताल का हूँ लेकिन सस्पेंडेंड़ हूँ।
सूफ़ी – देश की वर्तमान राजनीति पर आप क्या कहना चाहेंगे?
डॉ कफील – देश में आजकल नफरत वाली राजनीति की जा रही है जो नहीं होना चाहिए। इंसान चाहे किसी भी धर्म, जाति का हो या साउथ इंडियन हो, भेदभाव नहीं होना चाहिए। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी आजकल योगी आदित्यनाथ को फोलो कर रहे हैं। लव जिहाद कानून हो या गौरक्षा कानून, सब में एक जैसी राजनीति हो रही है। मुख्य मुद्दो को गौण करके श्मशान, कब्रिस्तान, अली बजरंग बली की बातें की जा रही है।
सूफ़ी – वही तो मैं आपसे पूछ रहा था कि ये सारे बिंदु मुस्लिम आधारित ही तो है तो फिर आप क्यों मुस्लिम आधारित राजनीति होने से इंकार कर रहे हैं?
डॉ कफील – बीजेपी का मुस्लिम आधारित राजनीति करने का एजेण्डा तो 1925 से चला आ रहा है लेकिन वो हमे उनके पावर मे आने के बाद से दिखाई देने लगा है। और सिर्फ मुस्लिम आधारित ही नहीं बल्कि मैं समझता हूं कि पिछड़ों और दलित समुदाय आधारित भी राजनीति की जा रही है। आपको याद होगा कि उत्तर प्रदेश में आए दिन दलित ल़डकियों के साथ बलात्कार की घटनायें आम हो रही है। हर वर्ग पीड़ित है, और देश में सबसे ज्यादा प्रताड़ित महिलाओं को किया जा रहा है।और सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि सभी राजनीतिक पार्टियां आजकल ऐसा कर रही है। उन्हें पता है कि उनका कोई कुछ नहीं कर सकता है।
सूफ़ी – मतलब अंग्रेजो की पॉलिसी, फूट डालो राज करो की नीति पर राजनीति हो रही है?
डॉ कफील – हाँ, बिल्कुल यही हो रहा है।
सूफ़ी – ठीक है डॉ साहब, हमसे बात करने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया।
नोट – इंटरव्यू फोन पर लिया गया है।
15 thoughts on “ख्वाजा साहब ने दुनिया भर में साम्प्रदायिक एकता की मिसाल कायम की – डॉ कफील खान का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू पढ़िए सिर्फ सूफ़ी की कलम से पर
”
Comments are closed.