रीट परीक्षा पर समर्पित कविता (गेस्ट पॉएट इमरान खान)

Sufi Ki Kalam Se

जैसे-जैसे रीट की परीक्षा आ रही है पास
अजीब कैफियत दिल पर हो रही है खास

हर पल रहती है बस यही एक टेंशन
कैसे पूरा होगा इतना सारा रिवीजन

देख कर यह प्रश्नों का अजीब सा घुमाव
बढ जाती है बेचैनी और हो जाता है तनाव

हर दिन आता है अब तो रीट का ही सपना
यह वो सपना है जिसमें पड़ता है बहुत तपना

छोड़ो इन सब बातों को हो जाओ तैयार
इस बार हम को करना है आर या पार

Dedicated To All Reet Candidates.

गेस्ट पॉएट इमरान खान


Sufi Ki Kalam Se
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