मुहब्बत का दर्द
देशभर के ख्याति प्राप्त कलाकार,बड़े अफसर, राजनीतिज्ञ और कई बड़ी हस्तियों की मौजूदगी में मीडिया की लाइव चकाचौंध के बीच में आज हमारा कार्यक्रम था जिसको मैं लीड कर रहा था। और मेरी पूरी टीम इस पल के इंतजार में थी और अपनी भूमिका निभाने की कल्पना से ही रोमांचित थी ।भारत के रक्षा मंत्री और सेनाध्यक्ष के सामने मेरा स्टेज पर पदार्पण हुआ।पूरी टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया और मैं खुद भी इस रोल को जीने में अपने आप को भुला चुका था। कार्यक्रम के अंत में जब मैंने और टीना ने मंच से सबका अभिवादन किया तो सामने बैठे सारे दर्शक हमारे अभिवादन को स्वीकार करने के लिए अपने पैरों पर खड़े थे मेरी पूरी टीम के लिए यह लम्हा बेहद फ़ख्र वाला थाऔर यादगार पल बन गया था। लेकिन शायद मुझे पता था किआज मेरी मोहब्बत का आखरी दिन था । मंच पर काफी देर तक तालियों की गड़गड़ाहट जारी रही। लोगों ने हमारे इस हुनर को बेहद पसंद किया था कई लोगों ने मुझे बधाईया दी। सरकार के नुमाइंदे भी हमारे इस कलात्मक प्रदर्शन से काफी प्रभावित थे। खैर वहाँ से हम पूरी टीम के साथ गाड़ी से रवाना हुए थे कई सारे फौजी अफसर भी इस गाड़ी में बैठे हुए थे मेरे कई साथी भी गाड़ी में थे ।आज मैं सीधा गाड़ी में चढ़ा और टीना के पास ही पड़े बैग को उठाया साइड में रखा और उसके साथ बैठ गया। सभी मुझे देख रहे थे लेकिन मैं किसी को भी देखना नही चाहता था। मुझे सिर्फ टीना दिख रही थी। तभी एक पत्रकार आया, ढलान में खड़ी बस के सामने से बेहद खूबसूरती के साथ हमारा पोज लिया और हमें बधाई दी। लेकिन मेरे पास प्रतिक्रिया देने की फ़ुर्सत न थी गाड़ी अब चल पड़ी थी मेरा दिल आज शायद धड़कना बंद हो चुका था मैंने आज पहली बार पता नहीं किस अधिकार से टीना के हाथ को पकड़ लिया। टीना ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी काफी देर तक मैं इस दुनिया से कट गया था।मुझे होश तब आया जब गाड़ी झटके के साथ रुक गई टीना ने मेरे हाथ को अपने हाथ से धीरे से हटाया और वह मेरे हाथ में कुछ देते हुए गाड़ी से उतर गई। उसके जाने बाद मैंने देखा मेरे हाथ में उसका लॉकेटथा जो हमेशा वह अपने सीने पर पहने रखती थी उस लॉकेट मैं उसका खूबसूरत दिल आकार का फोटो था और बड़ी सी वजनी चैन थी वह उतर कर जा चुकी थी। मैं अब घर के लिए रवाना हो चुका था घर पहुंचा तब तक मेरे स्वागत के लिए गांव के बड़े बुजुर्ग स्टेशन पर खड़े थे कई नेता अफसर मुझे हाथ पकड़ कर बधाइयां दे रहे थे ।आज इस गांव का लाडला सारे चैनलों पर छाया हुआ जो था। मेरे घर पहुंचने पर जिला कलेक्टर का फोन आया उन्होंने बताया पर्यटन मंत्री ने आपको पर्यटन विभाग में अच्छी पोस्ट पर जॉइनिंग का ऑफर दिया है जब चाहो तब जॉइनिंग लेटर ले जाना इसके अलावा एक बड़े सेना के अफसर ने मुझे कश्मीर आने का न्योता दिया था साथ ही बड़े होटल व्यवसाई मिथुन साहब ने भी अपने होटल आने का न्योता दिया था मैं कुछ दिन घर पर रुका और फिर कश्मीर के लिए निकल गया इसी दरमियांन मुझे एक ब्रिगेडियर ने एक लिफाफा भेजा ।जिसको खोल कर देखा तो उसके अंदर कश्मीर आने का निमंत्रण पत्र और अखबार की कटिंग भेजी थी।कटिंग का शीर्षक था “ढलता सूरज और खिलते फूलों के साथ शाह सर का स्वागत” और उस अखबार में मेरी उपलब्धियो की जानकारी, कई चित्रों के साथ लगी हुई थी और उनमें बड़ा-सा वह चित्र भी था जिसमे, मैं और टीना हाथ पकड़े बैठे थे।जो उस दिन बस में उस पत्रकार ने खींचा था।यादे फिर ताजा हो गई।खैर अब मै कश्मीर पहुँच चुका था। वहां से अकेला ही मिथुन जी की होटल पर जा रहा था और साथ ही साथ मैं उस अखबार को भी देख देखता हुआ जा रहा था मेरे बिल्कुल करीब से ही एक लड़की गुजरती हुईआगे निकली मुझे ऐसा लगा। इस लड़की के साथ कोई पुराना रिश्ता है मैंने उस अखबार के कटिंग के शीर्षक के साथ तुक मिलाते हुए। कहा “चढ़ते पहाड़ों और खिलते फूलों के साथ मैम को गुड इवनिंग” बस जैसे उसको ब्रेक लगे और वो रुक गई और मेरे साथ हो ली वह लड़की थी,अजनबी लेकिन बड़ी ही बोल्ड लड़की की खूबसूरती की कोई इंतहा नहीं।उसने कहा सर गुड आफ्टर नून कहिए ।और हम दोनों बातें करते हुए चलने लगे जैसे कोई बहुत पुराना याराना हो कुछ कदम के साथ ने सौ साल साथ जीने का आनंद दे दिया।बातो ही बातों में उसने मेरे प्राइवेट पार्ट पर हाथ रखा और दबा दिया।मैंने सहजता से कहा “ये सिर्फ मांस का लोथड़ा है यंहा से मेरी मुहब्बत को मत मापो यहाँ से कोई प्रतिक्रिया नही मिलेगी”।उसने अपना हाथ तुरन्त हटा दिया। कुछ दूरी पर सामने ही मिथुन साहब मेरा इंतजार करते दिखे।उसने अपना हाथ मेरी बाँह पर डाल दिया।कुछ क़दम ऐसे ही मेरे साथ चली मेने उससे कहा मेरी मंजिल आ गई। उसने जवाब दिया तुम्हारा साहब इंतजार कर रहे है जाओ।मैने मेरे हाथ को देखा मुठ्ठी बंद थी और अंदर वो लॉकेटऔर चैन थी बस मेरी सच्ची मुहब्बत।अखबार के पीछे एक्सीडेंट से निधन होने की छोटी खबर थी “कलाकार टीना की मौत” ।
13 thoughts on “मुहब्बत का दर्द (गेस्ट रिपोर्टर बशीर शाह की दर्द भरी कहानी)”
Comments are closed.