बालदड़ा के पूर्व सरपंच रुखसार अहमद की 12 वीं बरसी पर पेश की खिराजे अकीदत।
फ़िरोज़ खान
बारां। बारां जिले के छोटे से गांव बालदड़ा में हाजी निहाल अहमद के घर मे जन्मे पूर्व सरपंच मरहूम रुखसार अहमद किसी परिचय के मोहताज नही थे। केबिनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया के सबसे विश्वास पात्रों में एक रुखसार अहमद की लोकप्रियता गांव में बहुत ज़्यादा थी। बेंगलोर से सिविल इंजीनियर की पढ़ाई पूरी करके गांव लौट आने के बाद उन्होंने पीडब्ल्यूडी में ठेकेदारी का काम करने लगे। सरपंच का चुनाव लड़ा ओर जीत गए। जिला कांग्रेस कमेटी में महामंत्री रहे। उसी समय मंत्री प्रमोद जैन भाया से नजदीकी बड़ी ओर उनके विश्वासपात्र बने। लेकिन 4 जून 2009 को राजस्थान सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रमोद जैन भाया के साथ उदयपुर से लौटते समय चित्तौरगढ़-कोटा हाइवे पर बेंगू के नज़दीक उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसमें रुखसार अहमद गम्भीर घायल हुए। मंत्री प्रमोद भाया ओर उनकी पत्नी उर्मिला जैन भाया भी घायल हुए। इसमें रुखसार अहमद की मौत हो गई।ओर एक उगता हुआ सूरज बहुत जल्दी डूब गया। हर साल उनकी बरसी पर उनको खिराजे अकीदत का प्रोग्राम रखा जाता है। उनके बड़े भाई अय्यूब खान बालदड़ा जो जिला कॉंग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष है उन्होंने कोटा में उनके लिए खिराजे अकीदत का प्रोग्राम रखा जिसमे गरीब बच्चों को खाना खिलाया गया। व उनकी मदद की गई। वही बालदड़ा में भी उनको खिराजे अकीदत पेश की गई । उनके नाम से रुखसार महमूदी चेरिटेबल ट्रस्ट भी चलाया जाता है जिसमे होनहार गरीब बच्चों की हौसला अफजाई व उन्हें इनामात से नवाजा भी जाता है। इस दौरान उनके बेटे जुनेद रुखसार,रिटायर्ड साइंटिस्ट डॉ नासिर खान, खलील खान,बालदड़ा के सरपंच शरीफ खान, एसडीपीआई के प्रदेशाध्यक्ष रिज़वान खान,समाज सेवी नज़ाकत खान अकेला,जाहिद , नूर मास्टर, हलीम मास्टर,साबिर मास्टर आदि इस प्रोग्राम में उपस्थित रहे। उनके ऊपर ये शेर सटीक बैठता है ” बड़े गोर से सुन रहा था ज़माना तुम्हे तुम ही सो गए दास्तां कहते-कहते।
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