प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की खास मुलाकात
राजस्थान के अधिकांशत भाजपा कार्यकर्ता उत्साह से लबरेज
गेस्ट रिपोर्टर फिरोज़ खान
बारां 25 मार्च| राजस्थान के अधिकांश क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं में उस वक्त अपार उत्साह का संचार हो गया जब उन्हें यह पता चला कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य के राजनीतिक वर्तमान हालातों को लेकर खास मुलाकात हुई है| सूत्र बताते हैं कि इस दौरान दोनों नेताओं ने राजस्थान की सियासी हलचल और सभी प्रकार के विषयों पर विस्तृत चर्चा की है|
राजस्थान की दो बार सफल मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे कार्यकर्ताओं के सुझाव एवं कांग्रेस सरकार की विफल नीतियों के चलते क्षेत्र में काफी दिनों से सक्रिय है | इसका फायदा यह हुआ कि गुटबाजी से परेशान हो चुके निष्क्रिय नेताओं ,कार्यकर्ताओं जनप्रतिनिधियो का राजनीतिक जीवन एक बार पुनः जीवंत हो उठा| वह सब श्रीमती राजे के साथ एक बार फिर से संघर्ष करने पर तैयार हो गए हैं जबकि श्रीमती राजे की कार्यकर्ताओं में सीधी पकड़ होने के कारण उन्हें क्षेत्रीय जनता एवं उनसे जुड़ी परेशानियों की नब्ज पकड़ना आता है इसी कारण वह हमेशा कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा कर लेती है| दूसरी ओर राज्य के भाजपा नेता और यहां की आम जनता भी भली-भांति जानती है कि राजस्थान की गहलोत सरकार की विफल नीतियों का मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे बेहतर ढंग से कर सकती है, ऐसा क्षेत्र के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा बताया गया है|
गौरतलब है कि जब प्रधानमंत्री मोदी एवं राजे की भेंट होने की जानकारी राजस्थान के अधिकांश क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुई तब उनका मन प्रफुल्लित हो गया| कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि गहलोत सरकार को अभी से हर मोर्चे पर पछाड़ना है तो राजस्थान में भाजपा की ओर से वसुंधरा राजे के हाथों में संगठन कमान पुव: सौंपा देना चाहिए| ताकि कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हो जाए और वो इस भ्रष्ट सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर सके| कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि राजस्थान प्रदेश में गहलोत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्र सरकार की ओर से जारी कई कल्याणकारी योजनाओं का नाम बदलकर उनकी क्रियान्वित की जा रही है ऐसा केवल जनता को भ्रमित करने के लिए ही किया जा रहा है जबकि पूरा बजट केंद्र सरकार का है| राजस्थान के राजनीतिक वातावरण में प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री राजे की भेंट से सियासी गलियारों में काफी हलचल हो गई है उनके विरोधी भी अब सन्नीपात में पहुंच चुके हैं| कि अब हमारा क्या होगा ???
उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसा कैसे हो गया| ज्ञात रहे कि राजस्थान में एक और जहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का मजबूत संगठनात्मक चेहरा है वहीं दूसरी ओर भाजपा में ही 4-5 बड़े नेता मुख्यमंत्री की दौड़ में स्वयं ही शामिल होकर राजनीतिक दृष्टि से विफल हो चुके हैं |उनमें आपसी अंतरकलह एवं गुटबाजी पनपी हुई है| जिसके चलते कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि वह किस और बोले ? किस का समर्थन करें और किसका नहीं,,,,
अंततः कार्यकर्ता चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा राष्ट्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड तत्काल ही निश्चित करें कि राजस्थान की बागडोर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हाथों में सौंपी जाए| ऐसा इसलिए भी उचित रहेगा कि राजस्थान में अगले वर्ष के अंत मेंं विधानसभा चुनाव होने हैं| इस हेतु भी भारतीय जनता पार्टी को कोई तटस्थ एवं मजबूत नेतृत्व की सख्त आवश्यकता है इसके लिए वसुंधरा राजे का चेहरा सर्वोपरि है| अब देखना यह है कि केंद्रीय नेतृत्व किस प्रकार का निर्णय लेता है इस पर कार्यकर्ताओं की नजरें बराबर बनी हुई है|
