36 साल के शिक्षण केरियर को अलविदा कहा राजकुमार शर्मा ने (ख्यावदा, कोटा न्यूज)

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36 साल के शिक्षण केरियर को अलविदा कहा राजकुमार शर्मा ने

1985 से शिक्षण के क्षेत्र में कदम रखने वाले राजकुमार शर्मा ने 2021 मे अपने शिक्षण कार्य को आख़िरकार अलविदा कह दिया।
एमएससी, एमएड़ की शिक्षा प्राप्त कर शर्मा जी ने शिक्षक बनने के लिए जी तोड़ मेहनत की जिसका फल उन्हें पहली बार 1985 मे सेकंड ग्रेड अध्यापक के तौर पर मिला। सिर्फ एक साल में ही उन्हें फर्स्ट ग्रेड में पदोन्नति मिल गई और वो सवाई माधोपुर के बोंली मे केमिस्ट्री के व्याख्याता बन कर गए। उसके बाद अपने गृह जिले भरतपुर के डीग मे 1999 तक और उसके बाद भरतपुर के ही अपने होमटाउन कांमा मे 2007 तक व्याख्याता के पद पर कार्यरत रहे। उसके बाद इनकी कोटा यात्रा शुरू हुई और 2015 तक कोटा के रामगंजमंडी मे सेवा देने के बाद पहली बार, कोटा के ही मोड़क गांव में प्रिंसिपल के पद पर नियुक्त हुए। उसके बाद इटावा ब्लॉक के ख्यावदा पंचायत मे प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी के तौर पर नियुक्ति मिली और यहि से सेवानिवृत्त होकर शिक्षण कार्य को अलविदा कह दिया।


स्वभाव से सरल दिखने वाले राजकुमार शर्मा काफी मेहनती और मिलनसार व्यक्ति है। इनके कार्य क्षेत्र में आने वाले कार्मिकों में से शायद ही कोई ऐसा हो जो इनसे किसी प्रकार की शिकायत रखता हो। हर कोई इनकी पीठ पीछे भी प्रशंसा ही करता है।
शर्मा जी एक शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखने वाले है। इनकी पत्नि श्रीमति अनुराधा शर्मा संस्कृत विषय में एमए, बीएड़ है। इनकी बड़ी पुत्री हर्षिता शर्मा माइक्रो बॉयोलॉजी में पीजी कर चुकी है जबकि इनकी दूसरी पुत्री समीक्षा शर्मा और इनका पुत्र आयुष शर्मा इंजिनियरिंग कर चुके हैं। 15 जून 1965 को सुशील कुमार शर्मा और श्रीमति प्रेम शर्मा के घर जन्म लेने वाले राजकुमार शर्मा ने एक शानदार पारी खेलते हुए शिक्षण क्षेत्र से रिटायर्मेंट ले लिया।
30 जून को स्थानीय विधालय ख्यावदा में कोरोना गाइडलाइन के अनुसार इनका विदाई अवसर आयोजित किया गया जिसमें राजकुमार शर्मा जी अपनी पत्नि और बेटी के साथ शामिल हुए। इस अवसर पर पीईईओ क्षेत्र के कार्मिकों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। शिक्षक अरविंद मालव ने ” आना जाना लगा रहेगा, सुख आएगा दुःख जायेगा.. करेगा जो भी भलाई के काम, उसका ही नाम रह जायेगा ‘गीत के माध्यम से अपनी बात रखी।


राजकीय विद्यालय खेड़ली बोरदा, खैड़ली पीपल्दा और कजलिया स्टाफ ने धार्मिक तस्वीरें भेंट की। पीपल्दा खुर्द के स्टाफ की तरफ से श्रीमदभागवत गीता एंव नलावता की झोंपड़ियॉ की तरफ से रामचरित मानस भेंट की गई। विदाई समारोह के समापन समारोह शर्मा जी ने अपनी जिंदगी के शैक्षिक एंव व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि हमे अपने शिक्षण संस्थान के प्रति समर्पित भावना से काम करते रहना चाहिए। उनके बाद कार्यवाहक प्रधानाचार्य हुकुमचन्द जी मीणा ने उनका आभार प्रकट करते हुए समस्त कार्मिकों से आगे भी इसी तरह का सहयोग बनाए रखने की अपील की। कार्यक्रम का बेहतरीन संचालन स्थानीय विधालय के शारीरिक शिक्षक सुरेश कुमार ने किया।
राजस्थान का शिक्षा विभाग राजकुमार शर्मा और इनके कार्यो को सदैव याद करता रहेगा और इनके साथ काम करने वाले कार्मिक इनकी दी गई सेवा के हमेशा आभारी रहेंगे।
– नासिर शाह (सूफ़ी)


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