नवरात्रि की गूंज में,
कन्या पूजन ,कन्या भोज हुआ,
फिर दशहरा आया,
जिसमें उस रावण का ,
हर वर्ष दहन हुआ,
जिसने मां सीता का हरण कर,
अपनी लंका में रखा,
इस कारण वह प्रतिवर्ष जला,
फिर छोटी-छोटी मासूम बच्चियों से ,
बलात्कार करने वाला बलात्कारी का,
क्यों ना दहन हुआ,
इस देश में एक ओर जहां कन्या पूजन होता है ,
दूसरी और उन्हीं बच्चियों के साथ,
अमानवीय व्यवहार क्यों होता है,
क्या फिर किसी महिला को फूलन देवी बनना होगा ,
अपने साथ हुए दुराचार का ,
प्रतिशोध स्वयं लेना होगा ,
अधर्म पर धर्म की जीत का ,
फिर परचम लहराना होगा ,
फिर क्या किसी महिला को फूलन देवी बनना होगा ,
क्या फिर किसी महिला को फूलन देवी बनना होगा………..
श्रीमती रश्मि नामदेव
शारीरिक शिक्षिका एवं सेल्फ डिफेंस मास्टर ट्रेनर जिला, कोटा राजस्थान
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