फिर क्या किसी महिला को फूलन देवी बनना होगा? (कविता रश्मि नामदेव)

Sufi Ki Kalam Se

नवरात्रि की गूंज में,
कन्या पूजन ,कन्या भोज हुआ,

फिर दशहरा आया,
जिसमें उस रावण का ,
हर वर्ष दहन हुआ,

जिसने मां सीता का हरण कर,
अपनी लंका में रखा,
इस कारण वह प्रतिवर्ष जला,

फिर छोटी-छोटी मासूम बच्चियों से ,
बलात्कार करने वाला बलात्कारी का,
क्यों ना दहन हुआ,

इस देश में एक ओर जहां कन्या पूजन होता है ,
दूसरी और उन्हीं बच्चियों के साथ,
अमानवीय व्यवहार क्यों होता है,

क्या फिर किसी महिला को फूलन देवी बनना होगा ,
अपने साथ हुए दुराचार का ,
प्रतिशोध स्वयं लेना होगा ,

अधर्म पर धर्म की जीत का ,
फिर परचम लहराना होगा ,

फिर क्या किसी महिला को फूलन देवी बनना होगा ,
क्या फिर किसी महिला को फूलन देवी बनना होगा………..

श्रीमती रश्मि नामदेव
शारीरिक शिक्षिका एवं सेल्फ डिफेंस मास्टर ट्रेनर जिला, कोटा राजस्थान


Sufi Ki Kalam Se

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