‘फिक्र’ गेस्ट पॉएट रईस अहमद की मुख्तशर नज्म

गेस्ट पॉएट रईस अहमद मागंरोल परवाह नही उसे कुछ अपने हाल कीउसको महज तलब है दुनियाओं…

कब मिलेगी आजादी कब मिलेगी आजादी, गेस्ट पॉएट में पढ़िए हैदर अली अंसारी की ज़ोरदार नज्म

कब मिलेगी आजादी कब मिलेगी आजादी कल भी आँखों मे लहू था आज भी हे नया…

‘हम्द’ गेस्ट पॉएट कॉलम में पढ़िए मागंरोल के रईस अहमद की हम्द

या रब तू देख कैसा हुआ मेरा हाल हैसाथी है न कोई न पुरसाने हाल है…

‘नौजवानों की जिम्मेदारी’ गेस्ट पोएट मे पढ़िए आरिफ काजी की नज्म

‘नौजवानों की जिम्मेदारी’इज्जत ए मुल्क की हर हाल हमें लाज रखना है ।जुल्म के खिलाफ बुलंद,…

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