एक विशेष सांस्कृतिक परंपरा को बढ़ावा देना बहुसांस्कृतिक समाज के लिए हानिकारक : SIO

Sufi Ki Kalam Se

एक विशेष सांस्कृतिक परंपरा को बढ़ावा देना बहुसांस्कृतिक समाज के लिए हानिकारक : SIO

मुहम्मद सलमान अहमद

यह हमारे लिए शर्मनाक है कि ऐसे समय में जब देश भर में सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था रसातल में है, छात्र पिछड़ रहे हैं, ऑनलाइन शैक्षिक गतिविधि के लिए बुनियादी डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन सरकार पाठ्यक्रम के भगवाकरण के एजेंडे में व्यस्त है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) में वेद, योग, संस्कृत, रामायण और भगवद गीता सहित 15 भारतीय ज्ञान परम्परा पाठ्यक्रमों की शुरूआत करना ‘भारतीय’ साहित्य और इतिहास की समावेशी दृष्टि को धोखा देती है। यह पाठ्यक्रम देश में रहने वाले समुदायों के मूल्यों और नैतिक परंपराओं की विविधता के बारे में पूरी तरह से अप्रभावी है, जिससे भारतीय समाज के आपसी सामंजस्य को खतरा है। सभी भारतीय ज्ञान का प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी एक सांस्कृतिक परंपरा के प्रति पूर्वाग्रह हमारे संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है।

दूसरी ओर, सरकार सामान्य रूप से बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की अपनी जिम्मेदारी से दूर जा रही है, जैसा कि इस साल शिक्षा बजट में हुई भारी कटौती से स्पष्ट है। कोविड -19 संकट के कारण बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूल और अभिभावक संघर्ष कर रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वह पाठ्यक्रम में अनावश्यक हस्तक्षेप करने के बजाय डिजिटल के बुनियादी ढांचे का निर्माण कर शैक्षिक सहायता प्रदान करे।


मुहम्मद सलमान अहमद
राष्ट्रीय अध्यक्ष
स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ इंडिया


Sufi Ki Kalam Se

11 thoughts on “एक विशेष सांस्कृतिक परंपरा को बढ़ावा देना बहुसांस्कृतिक समाज के लिए हानिकारक : SIO

  1. Pingback: finnish id card
  2. Pingback: click homepage
  3. Pingback: blog link
  4. Pingback: Employee Wellbeing
  5. Pingback: hit789
  6. Pingback: navigate here

Comments are closed.

error: Content is protected !!