सूफ़ी की क़लम से…✍🏻
पुष्पा झुकेगा नहीं, तो कलेक्शन भी रुकेगा नहीं
पुष्पा 2
साहित्य समाज का आईना होता हैं और सिनेमा इसकी प्रयोगशाला । वो जमाना गुजरे ज़्यादा वक्त नहीं बिता है जब थिएटर में हीरो की, हीरोगिरी पर तालियाँ बजती थी और फ़िल्म पूरी होने पर कई दिनों तक दर्शकों पर हीरो जैसा अच्छा इंसान बनने का ख़ुमार चढ़ा रहता था । लेकिन अगर उनका वही हीरो आज के दौर में विलेन बनकर आए तो दर्शक करें तो क्या करें?
“धूम” सीरीज जैसी फ़िल्मों में जब उनके पसंदीदा हीरो चोर बनकर सामने आते हैं तो दर्शक चोर की जीत पर ही तालियाँ बजाते हैं क्योंकि फिल्मकारों द्वारा उनकी चोरी को इतने अच्छे से फ़िल्माया जाता है जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और दूसरी तरफ़ पुलिस और पूरे सिस्टम को बेबस और लाचार दिखाया जाता है।
“कबीर सिंह” जैसी फ़िल्म में हीरो जब बड़े बाल और बड़ी फैशनेबल दाढ़ी के साथ बुलेट पर सिगरेट के धुएँ के छल्ले बनाता हुआ आता है और अनाप शनाप भाषा में हीरोगिरी करता है तो दर्शक इतने ख़ुश होते हैं कि फ़िल्म को दो चार बार देख आते हैं ।
जब ऐसी फ़िल्में समाज लगातार स्वीकार कर लेता है तो फिर “एनिमल” जैसा फिल्मे और तड़का लगा कर परोस दी जाती है जिसे दर्शक भरपूर सपोर्ट करते हैं और ऐसी फिल्में बॉक्स ऑफ़िस पर रिकॉर्डतोड सफलता अर्जित करती है ।
जब तक समाज के जिम्मेदारों को ऐसी फ़िल्मों के नकारात्मक प्रभाव का एहसास होता है तब तक फ़िल्में सुपर डुपर हिट हो जाती हैं । जब फ़िल्म की समीक्षाएँ होती हैं तो बुद्धिजीवी वर्ग अपने अपने हिसाब से ऐसी फ़िल्मों पर चिंता व्यक्त करते हुए बताते हैं कि समाज में अश्लीलता को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए।तब कुछ फिल्मकार, बुद्धिजीवी लोगो की बातों का समर्थन करते हुए अश्लीलता को हटाते हुए पुष्पा जैसी फ़िल्में बनाते है जिन्हे आप परिवार के साथ देख सकते है लेकिन यहाँ भी मुख्य समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है । समस्या सिर्फ़ अश्लीलता की नहीं है जो फ़िल्मों में दिखाई जा रही हैं, समस्या नायक के कर्तव्यों की भी हैं जिन्हे भूलकर वह विलेन बन बैठा हैं। अगर फ़िल्म का मुख्य अभिनेता ही फ़िल्मों में विलेन बनेगा तो उसके प्रशंशक किस दिशा में जाएँगे? क्या वह उस सहायक अभिनेता के किरदार से प्रभावित होगा जो ईमानदार और बहादुर तो था लेकिन विलेन बने हीरो के सामने हार गया?
निसंदेह पुष्पा एक बेहतरीन फ़िल्म थी जिसने दर्शकों पर इतना प्रभाव छोड़ा कि वर्तमान में उसका दूसरा भाग धूम मचा रहा है लेकिन इन सब बातों के बीच समाज के ज़िम्मेदार लोगों को मुखर होकर बताना चाहिए की समाज के लिए किस तरह की फ़िल्में बनाई जानी चाहिए जिनसे युवा पीढ़ी को मार्गदर्शन मिल सकें ।
अगर ये कहा जाये कि पुष्पा का दूसरा भाग पहले भाग से काफ़ी अच्छा है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी । इस बार फ़िल्म में ना सिर्फ़ धाँसू एक्शन है बल्कि ग़ज़ब की स्क्रिप्ट राइटिंग के साथ ही कई नए प्रयोग है ।पुष्पा टू के डायलॉग सुनकर पुरानी पुष्पा की याद बिल्कुल नहीं सताएगी क्यूंकि ये कहानी उससे जरा भी कम नहीं है बल्कि उससे ज़्यादा मसाला देखने को मिलेगा । आईपीएस शेखावत के रोल के साथ फ़हाद फ़ासिल ने जबरदस्त वापसी की है तो रश्मिका के काम की भी जितनी सराहना की जाए उतनी कम है । श्रीवल्ली बनी रश्मिका की मुख्यमंत्री के साथ फोटो की की छोटी सी डिमांड , पूरी पुष्पा टू फ़िल्म का निर्माण कर देती हैं ।
जितना धाँशू एक्शन है उतनी ही अच्छी कॉमेडी भी है । निर्देशक सुकुमार ने फ़िल्म में चार चाँद लगाने के लिए कई नए प्रयोग किए हैं जो निश्चित रूप से सफल भी रहे हैं । मैले कुचेले नायक के साथ सुंदर नायिका का रोमांस का समन्वय अद्भुत है । पुरानी पुष्पा में नायक नायिका ग़रीब होते हैं तो उन पर मेला कुचेला फिल्मांकन किया गया और दूसरे भाग में जब पैसे वाले हो गए तो नायिका तो बिल्कुल हिंदी फ़िल्म की सुंदर पत्नी का रूप धारण कर लेती हैं लेकिन पुष्पा तो पुष्पा है जो कपड़े तो महंगे पहनता है लेकिन अपना मैलापन वही पुराना रखता है जो उस पर जच भी गया । केवल म्यूजिक के लिए फिल्मे देखने वाले हताश होंगे लेकिन मसाला मूवी वालो का सो फीसदी पैसा वसूल है ।फ़िल्म के आखरी भाग को जबरदस्ती लंबा खींचने की कोशिश कामयाब तो रही लेकिन उसकी या तो जरूरत नहीं थी या उसे शोर्ट में भी रखा जा सकता था । पुष्पा की सुनामी का मुकाबला करने वाला मुख्य किरदार शेखावत से तो पुष्पा एक तरफा मुकाबला कर लेता है लेकिन आखरी भाग में एक मामूली सा गुंडा (बुग्गा रेड्डी) पुष्पा के खून की सारी बूंदे निचोड़ लेता हैं जो पुष्पा की इमेज पर कहीं न कहीं उंगली उठने के बराबर है । जिस पुष्पा का मुकाबला किसी राज्य के मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रीय राजनेता तक नहीं कर पाए उसे एक अमीर बाप की बिगड़ैल औलाद नाको तले चने चबा देने पर मजबूर कर देती हैं, ये बात आसानी से हज़म होने वाली नहीं है । फ़िल्म के एक दृश्य में पुष्पा पूरे पुलिस स्टेशन की पेंशन कर उनका नकद भुगतान कर पूरा थाना अपने कब्जे में कर लेता है जिस पर दर्शकों की खूब तालियाँ मिलती हैं।
पुष्पा टू का थिएटर में जुनून देखकर लगता हैं कि साल 2024 की सबसे बड़ी हिट होने से कोई नहीं रोक सकता साथ ही बॉलीवुड के कई बड़े रिकॉर्ड ध्वस्त होने के लिए तैयार हैं ।
✍🏻नासिर शाह (सूफी)
सूफी की कलम से …” ब्लॉग पढ़ने और महत्वपूर्ण ख़बरों के 9636652786 लिए हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ने के लिए लिंक नीचे देखें 👇
https://whatsapp.com/channel/0029VaETHRBCcW4obDVLRD27
व्लॉग , लाइव और informative जानकारी देखने के लिए यूट्यूब पर सब्सक्राइब करें-👇
https://youtube.com/@sufikiqalamse-sq?si=rC0AtIrfzMKkcN6S
instagram और फेसबुक पर फॉलो करें-
https://www.instagram.com/nasir_shah_sufi?igsh=MW05emQ5cTFxNGVhag%3D%3D&utm_source=qr
https://www.facebook.com/sufi.nasir.shah?mibextid=LQQJ4d
Helpful info. Fortunate mee I ffound youjr website by chance, and I’m stunned why
this coincidence didn’t toolk placde in advance!
I bookmarked it.
Howdy! Do you know if tey makke anny plugins tto
protext aainst hackers? I’m kionda paranoid about losing everything I’ve worked ard on. Any recommendations?
I’m nott thgat much of a online reader to bee honest bbut your sites reazlly nice, keep it up!
I’ll go ahead annd boomark you sijte to come bzck later.
Cheers
Heyy there, Yoou have dlne a great job. I will definitely igg itt and personhally recommmend to my friends.
I’m surde thsy will bbe benefiited from this weeb site.
Hi there, I doo believe yyour blog coulod possibpy be having internst browser compattibility issues.
When I take a look at yoyr site in Safari, iit ooks fne however, whe opening iin Internet Explorer, it hhas some overlappping issues.
I jut wznted too give yyou a quck heaads up! Aside from that, wondertful
site!
I’m amazed, I have too admit. Seldom ddo I emcounter a blog that’s
equally educative aand entertaining, and without a doubt,
you have hit thhe nail oon thhe head. The issue is an issue that ttoo feew
folks arre speajing intelligently about. I am very hazppy that I stumbgled across ths durring my hunt
forr somethin relatting tto this.
I do not evwn knopw the way I finisheed up here, however I assumed this post used tto be great.
I do not recogise who yoou aare however definitely you’re going tto a well-known logger iff yyou aren’t already.
Cheers!
You are so cool! I do not believe I’ve read something like that before.
So great to discover somebody with a few original thoughts on this subject matter.
Really.. many thanks for starting this up.
This site is something that’s needed on the
internet, someone with a little originality!