कब्रिस्तान की सफाई के लिए दूसरे दिन भी उमड़े कस्बे के जिम्मेदार
किसी भी समाज के युवा और जिम्मेदार लोग अगर किसी काम को करने की ठान लें तो फिर वो काम आगे से आगे होता चला जाता है। सीसवाली कस्बे में पिछले दो दिनों से यह माहौल देखा जा रहा है। गौरतलब है कि कस्बे के पुराने कब्रिस्तान में काफी बबूल के पेड़ उग आए हैं जिनकी वजह से कब्रिस्तान की जियारत को आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसलिए कस्बे के युवाओं और बुजुर्गों ने एक बार फिर से कब्रिस्तान की सफाई का बीड़ा उठाया और दो दिन में ही काफी सारे काम को अंजाम तक पहुंचा दिया। इससे पूर्व भी कई बार कस्बे के नौजवान कब्रिस्तान की सफाई कर चुके हैं लेकिन कुछ सालो में यह फिर से उग आते हैं इसलिए इस बार इन्हें जड़ से खत्म करने के लिए भी रणनीति तैयार की जा रही है।
लगातार दूसरे दिन इस काम को अंजाम तक पहुंचाने वालों में पीरू भाई, अशफ़ाक़ टेलर, डॉ इमरान चण्डालिया, मेहबूब खान, इनायत भाई, मोहम्मद नूर पठान, शाहरुख अंसारी, निसार काज़ी, आबिद भाई घड़ी वाले, मोईन अली आदि का महत्तवपूर्ण योगदान रहा। अब्दुल हमीद जी अध्यापक की तरफ से समस्त श्रम दान करने वालों के लिए नाश्ता करवाया गया। साथ ही इनायत भाई और इमरान चण्डालिया ने कस्बे के नौजवानों से नियमित रूप से सिर्फ दो घण्टे (सुबह छः से आठ) तक श्रम दान करने की अपील की।
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