फादर्स डे कविता (गेस्ट पॉएट इमरान खान दौसा)

Sufi Ki Kalam Se

उंगली पकड़कर चलना सिखाया
लगी जो चोट तो गले से लगाया

दी हमको जमाने भर की खुशियां
फिर भी ये सोचा क्या इनको दे पाया

खुद कम पढे पर हमको पढ़ाया
तालीम की अहमियत को दिल में बिठाया

बनो नेक बंदे और ईमान वाले
यही सबक उन्होंने हमको बताया

खुदा माफ़ करना गर उनको सताया
खिदमत करें उनकी यह तौफीक दे खुदाया

दे तू उनको खुशियां और सेहत हमेशा
रहे हम पे हमेशा उनका यह साया।

गेस्ट ब्लॉगर इमरान खान

#HappyFarhersDay


Sufi Ki Kalam Se

14 thoughts on “फादर्स डे कविता (गेस्ट पॉएट इमरान खान दौसा)

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