सूफ़ी की क़लम से…✍🏻
“आओ चले..उल्टे क़दम, कुछ क़दम बीसवीं सदी की ओर “
भाग- 3 “सब्ज़ियाँ”
सब्जियों का नाम सुनते ही मुँह में अलग अलग नाम की सब्ज़ियों का जायका बनने लगता है । वो जमाना भी क्या जमाना था जब लोग कच्ची सब्जियां चलते फिरते खा लिया करते थे जिनका स्वाद पकी सब्जियों से भी बेहतर हुआ करता था । आज भी कई लोग कच्ची सब्जियों के चहेते तो है लेकिन अब केमिकल वाली कच्ची सब्जियों में वो स्वाद कहाँ? ग़नीमत मानो कि केमिकल वाली सब्जियों को पकाने वाले , कई केमिकल मसाले बाजार में उपलब्ध हैं इसलिए कम से कम सब्जियां थोड़ी स्वादिष्ट तो बन जाती है ।
बीसवीं सदी तक जब रसायनयुक्त जहरीले केमिकल इतनी संख्या में नहीं थे तो शाकाहारी सब्जियाँ इतनी रसीली हुआ करतीं थी जिनका स्वाद आज का जैविक सब्जियां खाने वाला ही समझ सकता है । वर्तमान में जनसंख्या वृद्धि इतनी तेजी से हो रही है कि उत्पादन बढ़ाने के लिए कई प्रकार के हानिकारक रसायन पदार्थों का उपयोग करना पड़ रहा है जो लोगो की माँग की पूर्ति तो कर देता हैं लेकिन उनकी मृत्य दर में भी तेजी से वृद्धि कर रहा है ।
जो हो रहा वह सबको पता है की ये सब किस मजबूरी में हो रहा है और इसके घातक परिणाम क्या है लेकिन जो मजबूर नहीं है वो भी जहरीली सब्जियां उगा रहे हैं और जो जागरूक हैं और अपने को शिक्षित समझते हैं वो भी सब जानकर भी इन सब्जियों का धड़ल्ले से सेवन कर रहे हैं ।
मुख़्तसर यह है कि इक्कीसवीं सदी की ये जहरीली सब्जियों वाली क्रांति किसी भी तरह हमारे हित में नहीं है इसलिए अगर हमें वही स्वादिष्ट और पौष्टिक सब्जियों का सेवन करना है तो फिर से बीसवीं सदी का फार्मूला अपनाना होगा ।
कैसे करें शुरुआत:-
किचन गार्डन:- अपने घरों में या कार्यस्थलों में किचन गार्डन बनाने को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करें । किचन गार्डन बनाने और उसकी देखभाल में थोड़ी अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता तो होगी लेकिन एक बार रोटेशन बनने के बाद आपको उसमें मजा भी आने लगेगा और आप कम खर्चे में घर की उगी हुई जैविक सब्जियों का स्वाद ले सकोगे ।
जैविक खेती वालो से संपर्क :– लगातार कोशिशों के बावजूद भी अगर आप किचन गार्डन बनाने में सफल नहीं होते हैं तो आजकल कई लोग फिर से जैविक सब्जियों की खैती करने लगे हैं । ऐसे में अपने आसपास के क्षेत्रों में जैविक खेती वालो से संपर्क कर इनका उपयोग कर सकते हैं ।
सब्जीमंडी से ऐसे खरीदे सब्जियाँ:- सब्जिमंडी में अक्सर लोगों का ध्यान मोटी मोटी, चमकदार और तेज रंग की सब्जियों पर जाता है और उन्हें थेले भर भरकर घर ले आते है। अगर आप भी ऐसा करते है तो सावधान हो जाइए, क्यूंकि जितनी तेज चमक और जरूरत से ज़्यादा मोटी सब्जियाँ आप ख़रीदोगे उतना ज़्यादा ज़हर हमे थाली में मिलेगा । इसलिए अगर आपको जैविक सब्जियों के बारें में जानकारी नहीं भी हो तो आप सब्जिमंडी से ऐसी सब्ज़ियाँ ख़रीदे जिनमें अपेक्षाकृत चमक दमक भी कम हों और वो दिखने में साधारण सी लगे , अगर कुछ सब्जियों पर ख़राब होने के निशान भी हों तो समझ जाए कि ये बिना केमिकल वाली सब्ज़ियाँ हैं , और उस ढेर में से अपने लिए अच्छी अच्छी सब्जियां छाँट ले । ऐसी सब्जियां ख़रीदने पर भले ही लोग आपको पुराने जमाने का कहे लेकिन आप उनकी चिंता न करें क्योंकि स्वास्थ्य के के मामलों में उल्टे क़दम चलने में ही भलाई है । आओ चले उल्टे क़दम..
मिलते हैं अगले भाग में
आपका सूफी
“आओ चले..उल्टे क़दम अभियान “ के ब्लॉग सबसे पहले पढ़ने के लिए हमारा व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें ।
सूफी की कलम से …”अन्य ब्लॉग पढ़ने और महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़े
https://whatsapp.com/channel/0029VaETHRBCcW4obDVLRD27
अधिक जानकारी के लिए हमारे सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (यूट्यूब, इंस्टाग्राम फेसबुक और एक्स) से जुड़े- 👇
व्लॉग , लाइव और informative जानकारी देखने के लिए यूट्यूब पर सब्सक्राइब करें-
https://youtube.com/@sufikiqalamse-sq?si=Mu2YZw8Qv76xjQk3
https://www.instagram.com/nasir_shah_sufi?igsh=MW05emQ5cTFxNGVhag%3D%3D&utm_source=qr
फेसबुक
https://www.facebook.com/share/CRKWcU4Cs13AtoRt/?mibextid=LQQJ4d
व्हाट्सएप नंबर
9636652786