कोरोना से गुफ़्तगू ( उर्दू इंशाइया का हिन्दी अनुवाद )

Sufi Ki Kalam Se       क्या हुआ जनाब ए आली?? कैसे घर में दुबक गए? कहाँ गई तुम्हारी…

इक्कीसवीं सदीं का इक्कीसवां साल

Sufi Ki Kalam Se       ‘सुबह होती है, शाम होती है जिंदगी यों ही तमाम होती है।’ अभी…

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