जानिए कोटा का रोचक इतिहास एंव संस्कृति (नयी कलम, कॉलम मे SRKG की कलम से)

Sufi Ki Kalam Se

शिक्षानगरी, कोटा का रोचक इतिहास एंव संस्कृति

“मुग़ल बादशाह ‘शाहजहाँ’ के समय पहली बार 1924 में बनने वाला पहला राज्य – कोटा” |

➖ जिसका नाम सुनते ही लोगों का दिल इस शहर की और आकर्षित हो जाता है |

➖ यह भारत का second crowded यानी दूसरा सबसे बड़ा और राजस्थान का सबसे बड़ा भीड़ – भाड़ वाला इलाका है | "हाडौती/अकेलगढ़ दुर्ग"

➖ जो कि प्राचीन काल में 1857 की क्रान्ति का केन्द्र बिन्दु रहा |

➖इस दुर्ग के बारे में जेम्स टॉड ने जिक्र किया और कहा, कि इस क्षेत्र में कुछ भील झोपड़ियां बनाकर रहा करते थे , यहाँ का सरदार कोटिया/कोट्या भील था |

➖ इस दुर्ग के समीप – राव देवा/समर सिंह (बून्दी के शासक) के पुत्र , जैत्र/जैत सिंह ने अपने पिता से पहाड़ी वाले भू – भाग को जागीर के रूप में मांगा |

➖ इसके बाद इस किले को जैत्र सिंह ने अपने ससुर (कैथून के राजा) की मदद से कोटिया भील को पराजित कर इस दुर्ग (कोटा गढ़) पर अपना अधिकार जमा लिया |

➖ यह दुर्ग चम्बल नदी के किनारे (घड़ियालों की श्रेणी स्थली) बसा हुआ है , जिसका निर्माण कार्य 1371 इश्वी में प्रारम्भ हुआ और बाद में शासक बदलते रहे लेकिन इसके साथ ही इस किले का विकास भी होता चला गया , जोे आज भी वर्तमान में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है |

➖इस दुर्ग का निर्माण हिन्दू – मुग़ल शेली में हुआ |

➖ इसी गढ़ पैलेस में , लगभग 17 वी सदी में राव माधवसिंह/माधोसिंह ( कोटा के अन्तिम राजवंश) ने गढ़ पैलेस के ‘प्रसिद्ध महल’ की नींव रखी , जोे आज वर्तमान में संग्रहालय के रूप में विद्यमान है , इसे देखने के लिए काफ़ी संख्या में पर्यटक तशरीफ़ लाते है जो अपनी एक अनोखी व अदभूत पहचान रखता है |

➖ यह महल दो मंजिला है |

प्रेवश द्वार ➖

इस महल के अन्य दरवाजे है, जिनमें एक नाम “भीलवाड़ी दरवाजा” /किशोरपुर क्षेत्र के नाम से मशहूर है |

  • आगरा के किले के बाद सबसे मजबूत परकोटा इसी दुर्ग का माना जाता है , ऐसा “कर्नल जेम्स टॉड” ने कहा |

➖ यहाँ के भित्ति चित्र तथा छतों पर की गई कलात्मक चित्रकारी विश्व प्रसिद्ध , जिसमे सु-प्रसिद्ध झाला की हवेली है |

➖यहाँ पर रखी तोपे- जिसमे शंकर बाण व गजपत बाण तोप प्रमुख है |

➖ महल के अन्दर प्रसिद्ध वास्तुकला व चित्रकला के बेजोड़ नमूने…..
1)ग़ुलाब महल – महा. जैत्र सिंह द्वारा निर्मित |

2) हवमहल – महा. रामसिंह, द्वित्तीय द्वारा निर्माण |

3) बादल महल –

4) दिलखुश बाग़ –

5) भीम महल –

6) अर्जुन महल –

7) जनाना महल –

8) रावण तालाब / रावठा का तालाब –

9) हाथी पोल गेट – जिसका निर्माण , महा. माधव सिंह ने करवाया और इसी दरवाजे पर हाथी – महा. भीम सिंह ने लगवाए |

10) मंदिर – श्री बृजनाथ जी महाराज , इस मंदिर की सेवा वल्लभ सम्प्रदाय के रीति रिवाजों द्वारा की जाती है |

11) कला कक्ष –
बैठक , दरी खाना व राजमहल -जिसमे महा. माधोसिंह द्वारा लगवाया गया शिलालेख का संस्कृत में वर्णन आदि

12) वन्य प्राणी कक्ष –

➖ शास्त्रगार व वन्य पशु कक्ष..

1) दरबार हॉल गैलेरी – इसी गैलेरी में सिथित दो औटोमान तुर्की सैना की बंदूकें – कुँवर पृथ्वी सिंह (बाद में , कर्नल ठाकुर पृथ्वी सिंह , हाकिम फ़ौज रियासत काल – कोटा) के द्वारा प्रथम विश्व युद्ध (26 जुलाई 1914) में मेसोपोटामिया (ईराक़) की लड़ाई 1916 में कब्ज़े में ली थी |

2) नोबत ➖
यह सर्व धातु की बनी नोबत की जोड़ी , कोटा के महाराव भीम सिंह जी को मुग़ल बादशाह – “बहादुर शाह जफ़र” प्रथम ने प्रदान की |

➖ यहाँ पर मौजूद मिट्टी के तेल से चलने वाला पंखा , जो आज भी इसी गढ़ में सुरक्षित मौजूद है |

➖ अखाड़े का महल – महाराज दुर्जल शाल जी द्वारा निर्मित |

➖ अन्य…..

धोंसा व नागरी/नगरी जो कि राव मुकुन्द सिंह , राव माधव सिंह व महा. दुर्जन सिंह द्वारा निर्मित आदि |
गोल यंत्र , सिद्ध यंत्र ,

  • झाला जालिम सिंह – का स्नान करने का गगरा/चरा
  • धूप घड़ी व जल घड़ी – जो पूर्व में समय बताया करती थी |
  • कलात्मक श्मशीरे , ख़ंजर व अन्य प्रकार के भाले व तीरे रियासतकालींन मुहरे , सिक्के , गनजफ़ा व हाथी दाँत के बने बक्से आदि

➖ यहाँ के राजा , महाराज अपना ध्वज – केसरिया
चिन्ह – गरुड़ ( इंडोनेशिया का राष्ट्रीय पक्षी) व मयूर को मानते
थे |

Note 🔜 कोटा जिला जो एक चंबल नदी (कोटा की जीवन रेखा) के किनारे बसा हुआ शहर है और इसी,
चम्बल नदी के किनारे बसे मशहूर पर्यटन स्थलो में एक – सात आश्चर्य/सात अजूबे (2013 में बनकर तैयार हुआ) स्थित है और इसी झील (किशोर सागर तालाब झील) के मध्य में एक महल , जग मन्दिर जिसका निर्माण कार्य – किशोर सिंह और बृज कंवर (उदयपुर की राज कुमारी) ने करवाया और इसी के समीप ही छत्र विलास उद्यान स्थित है।

➖ कोटा राजस्थान का वह जिला है जो ईस्ट – वेस्ट कॉरिडोर परियोजना के जरिए सात राज्यों से जुड़ा हुआ शहर है |

➖शहर में – भारत माला परियोजना के तहत ‘ ग्रीनफ़ील्ड’ राजमार्ग तैयार किया जा रहा है , यह राजमार्ग मुकुन्दरा हिल्स बाघ अभ्यारण्य (कोटा – झालावाड़) के जरिए भूमिगत रास्ते के रूप में विकसित किया जा रहा है |

➖कोटा के उत्तर से दक्षिणतम बिन्दु तक कार्य निर्माणधीन है।

नयी कलम – शाहरुख खान (गोलू)

Sufi Ki Kalam Se

12 thoughts on “जानिए कोटा का रोचक इतिहास एंव संस्कृति (नयी कलम, कॉलम मे SRKG की कलम से)

  1. Pingback: Buy Guns In usa
  2. Pingback: ytmp4
  3. Pingback: w69
  4. Pingback: endolift
  5. Pingback: Brian
  6. Pingback: marbo 9000

Comments are closed.

error: Content is protected !!