महाशिवरात्रि (गेस्ट पोएट रश्मि नामदेव)

Sufi Ki Kalam Se

महाशिवरात्रि

आओ करें शिवरात्रि की बात,
जब शिव को मिला पार्वती का साथ,

शमशानवासी, भस्म धारी कैलाशपति ,रूद्रावतारी,
बारात में जिनके अघोरियों की सवारी,

जिस दिन पार्वती शिव की अर्धांगिनी बनी ,
उस दिन महाशिवरात्रि मनी,

अर्धनारीश्वर भोले कहलाए ,
चलो रुद्राभिषेक कर आए,

जब करें इनके रूप की बात,
नीलकंठ और त्रिनेत्र है इनकी पहचान,

गले में नाग साजे ,
हाथ में त्रिशूल और डमरू बाजे,

जटा जिनके गंगा विराजे,
महाकाल ,कालों के काल,

सृष्टि के पालनहार,
शक्तियां,जिनकी अपार,

शिव जब तांडव करने पर आए,
उनके क्रोध से कोई न बच पाए,

शिव का तीसरा नेत्र जब खुल जाए ,
सृष्टि को प्रलय से कौन बचाए,

विष का पान कर सृष्टि को बचाया ,
तीनों लोक में डंका बजाया,

नंदी है जिनके प्यारे ,
गणेश जिनके दुलारे ,
नाथों के नाथ है, भोलेनाथ हमारे

चलो शिव की महिमा गाएं,
शिव का अभिषेक कर आए

रश्मि नामदेव शारीरिक शिक्षिका एवं सेल्फ डिफेंस मास्टर ट्रेनर जिला -कोटा ,राजस्थान


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