आपकी छूट्टी के क्या मायने हैं?
रविवार हो अन्य कोई दूसरी छुट्टी हो, आप उसे किस तरह से ईस्तेमाल करते हैं। अगर आप के पास इस छूट्टी से कुछ दिन पहले तक भी कोई प्लान फिक्स नहीं है तो इसका मतलब है कि हमारी दिनचर्या का कोई फ़िक्स टाइम टेबल नहीं है।
यह सवाल हमारे लिए इसलिए महत्तवपूर्ण है क्यूंकि हम बिना टाइम टेबल के अपने जीवन के कई महत्तवपूर्ण काम करने से वंचित रह जाते हैं और उन कामों के पूरा ना होने का कारण हम समय की कमी का हवाला देकर छोड़ देते हैं। जबकि ईन बातों का विश्लेषण करे तो पता चलता है कि जिन महत्तवपूर्ण कामों से हम अब तक वंचित है उन्हें अगर एक निश्चित समय सारणी बनाकर करते तो कब के पूरे हो चुके होते।
बिना टाईम टेबल वाला होलीड़े :- जिन लोगों के पास तय शेड्यूल नहीं होता वो अक्सर देर तक सोने, नहाने और कुछ स्पेशल बना कर खा लेने को ही होलीड़े मनाना समझ लेते हैं। हालांकि सब इंसानो की अपनी अपनी मर्जी होती है कि वह उसे किस तरह ईस्तेमाल करे लेकिन ज्यादातर लोगों के होलीड़े मनाने का यहि तरीका देखा जाता है।
महत्वपूर्ण काम की प्राथमिकता तय करें :- इस भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान के पास अनगिनत पेंडिंग कामों की सूची होती है जिसे वो हफ्ते में मिलने वाली एक छूट्टी मे करना चाहता है लेकिन अव्यवस्थित शेड्यूल और समय पूर्व कामों की प्राथमिकता तय नहीं करने के चलते उनका पूरा होलीड़े उनकी आँखों से सामने से सोने और खाने पीने में ही गुजर जाता है। इसलिए अगर हम, हमारी छुट्टी का सही इस्तेमाल करना चाहते हैं तो सबसे पहले समस्त कामों को प्राथमिकता से सूचीबद्ध करे। फिर उसके बाद सुबह तय समय पर उठने के साथ ही पेंडिंग कामों को एक के बाद एक करना शुरू कर दें । यकीन मानिये की आपके पूरे काम भले ही ना हों, लेकिन व्यस्थित दिनचर्या के चलते आपके अनेक कामों का परिणाम आपके सामने होगा।
घूमने का प्लान बनाए :-
ज्यादातर लोग घूमने के शौकिन होते हैं, लेकिन बिना शेड्यूल के उनके कई हफ्ते निकल जाते हैं और वह किसी नजदीक की जगह पर भी नहीं जा पाते हैं, इसलिए अगर आपको घूमना ही है तो सबसे पहले, घूमने की दूरी के हिसाब से, उतने दिन पहले प्रोग्राम बना कर उससे सम्बन्धित तैयारियां शुरू कर दें, ताकि छुट्टी वाले दिन बिना समय गंवाये घूमने जा सके।
मिलने वालों से बात करे या खत लिखे :-
आधुनिक जीवन की व्यस्तता में अक्सर लोगों के पास उनके दोस्तों, रिश्तेदारों और मिलने वालों से बात करने का समय नहीं होता है, जबकि यह सच नहीं है। इंसान अगर व्यस्थित जीवन प्रणाली अपनाए तो छुट्टी के दिन सिर्फ एक घण्टे से भी कम समय में अपने मिलने वालों लोगों को कॉल, वीडियोकॉल या खत के जरिए याद कर उन्हें खुश कर सकते है और स्वंय भी खुश रह सकते है।
बागवानी कर सकते हैं :- अगर आपको बागवानी का शौक है तो हफ्ते में एक बार बागवानी के लिए कुछ घण्टे समर्पित करे जिससे आत्मसंतुष्टि के साथ साथ, प्रकृति के नजदीक रहने का भी अवसर मिलेगा।
दूसरों की मदद करे :- यह एक ऐसा काम है जो व्यक्तिगत ना होकर सामाजिक होता है। अगर हम किसी छुट्टी पर या किसी दूसरे काम में व्यस्त ना हो तो इस छुट्टी का सदुपयोग सामाजिक कामों में कर सकते हैं। सफाई अभियान, केरियर काउंसलिंग, इत्यादि जनहित के कामों में भाग लेकर आप अपनी छुट्टी को समाज या अपने गांव या शहर को समर्पित कर सकते हैं।
– नासिर शाह (सूफ़ी)
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