दिव्यांग टापरी में रहने को मजबूर
ट्राई साइकिल का इंतज़ार
फ़िरोज़ खान
बारां 16 फरवरी। दिव्यांग सहरिया परिवार टापरी में रहने को मजबूर है। इस परिवार के पास आशियाना नही है। सर्दी,गर्मी,बारिश का मौसम इस परिवार का घास फूस की टापरी में ही निकलता है। दिव्यांग रामस्वरूप सहरिया 65 प्रतिशत है। यह केदारकुई गांव का रहने वाला है। इसके एक लड़की व 2 लड़के है। गेगरींन बीमारी के कारण इसका दाया पेर कट चुका है। इसको चलने फिरने में परेशानी आती है। दुसरो के ऊपर निर्भर है। दिव्यांग ने बताया कि मेरे पास ट्राई साइकिल नही होने के कारण दिक्कत हो रही है। ट्राई साइकिल के लिए मेने शाहाबाद व बारां केम्प में भी कई बार आवेदन कर दिए उसके बाद अभी तक भी साइकिल नही मिली है। इसके परिवार में पत्नी व बच्चे है।
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तीन बच्चे पढ़ने जाते है। पत्नी मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन कर रही है। दिव्यांग ने बताया कि अगर मुझे साइकिल मिल जाये तो में इससे चलने फिरने लायक तो हो जाऊंगा। साइकिल के अभाव में घर मे ही रहना पड़ता है। आवास नही है कच्ची टापरी में जीवन बसर कर रहा हूँ। मेरी कोई सुनने वाला नही है। गत दिनों संकल्प सोसायटी के सामाजिक कार्यकर्ता चन्दालाल भार्गव ने गांव में सहरिया समुदाय की बैठक ली थी। बैठक में उनको भी अवगत कराया था कि मेरे पास साईकिल नही है और रहने को पक्का मकान भी नही है। इस सम्बंध में सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक राकेश वर्मा बारां ने बताया कि इस मामले को दिखवाकर एक दो दिन में इसको ट्राई साइकिल दिलवा दी जावेगी।
– गेस्ट रिपोर्टर फिरोज़ खान की खबर
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