सहरिया श्रमिक बेरोजगार, रोजगार की आस
गेस्ट रिपोर्टर फिरोज खान की खबर
बारां 11 अप्रेल। शाहाबाद तलहटी क्षेत्र के गांवों में मनरेगा बन्द होने से श्रमिकों को बेरोजगार बैठना पड़ रहा है। जबकि सरकार द्वारा सहरिया व खेरुआ समुदाय के लिए मनरेगा में 200 दिन रोजगार दिया जा रहा है। उसके बाद भी स्थानीय प्रशासन द्वारा इनको रोजगार उपलब्ध नही करवाया जा रहा है। ओगाड़ ग्राम पंचायत के गांव महुआ खेड़ी में 70-80 परिवार निवास करते है। इस गांव के श्रमिकों को लंबे समय से रोजगार नही मिला है। गंगाराम सहरिया, जगना सहरिया, रघुवीर सहरिया, विमला बाई ने बताया कि यह गांव पूर्व में आगर पंचायत में था। नई ग्राम पंचायतों के गठन के कारण इस गांव को ओगाड़ ग्राम पंचायत में सम्मलित कर दिया गया। इस कारण इस गांव के लोगो को मनरेगा में कार्य नही दिया जा रहा है। इस गांव के लोगो ने ग्राम पंचायत व पंचायत समिति तक कार्य करने गुहार लगा चुके है। उसके बाद भी कार्य शुरू नही किया गया। इसी तरह भररोली गांव में भी लंबे समय से मनरेगा बन्द होने से यहाँ के लोग बेरोजगार बैठे हुए है।
जाग्रत महिला संगठन से जुड़ी गुलाब बाई, सुनीता बाई, सोमवती बाई, गोरा बाई, सागर बाई, भागवती बाई, गायत्री बाई, अनार कली बाई, राजवती बाई, मुन्नी बाई, कपूरी बाई ने बताया कि गांव मनरेगा बन्द है। पठारी गांव में भी मनरेगा बन्द है। सुमंत्रा बाई, पार्वती बाई, कल्लो बाई, अनार सिंह, संजय सहरिया, रुक्मणी बाई, मानसिंह ने बताया कि मनरेगा बन्द होने के कारण लोगो को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुंडा गांव में भी मनरेगा कार्य बंद है। इस गांव में करीब 40-50 परिवार निवास करते है। अधिकांश परिवार पलायन कर गए है। वही हरिनगर, कोटरा, चोराखाड़ी, मटियाखारा, डूडावर, बिरमानी, छिपोल, पहाड़ी, तेलनी, बेहटा, बडारा गांवो में भी मनरेगा बंद है। इस कारण लोग बेरोजगार बैठे हुए है। जाग्रत महिला संगठन ने विकास अधिकारी छुट्टनलाल मीणा को अवगत करवाकर इन गांवों में मनरेगा कार्य शुरू करवाने की मांग रखी है। इस सम्बंध में विकास अधिकारी छुट्टनलाल मीणा ने बताया कि 13 अप्रेल से पखवाड़ा शुरू हो रहा है। इन गांवों में प्रपत्र 6 भरवाकर जो श्रमिक गांव में उपलब्ध है सभी को रोजगार दे दिया जावेगा।
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