माधोपुर व गोरधनपुरा में मनरेगा बंद
फ़िरोज़ खान
बारां 8 फरवरी। रामपुर टोंडिया ग्राम पंचायत के गांव माधोपुर व गोरधनपुरा में मनरेगा बंद होने से सहरिया समुदाय के श्रमिक बेरोजगार बैठे हुए है। माधोपुर की सेंकड लाइन की महिला लक्ष्मी बाई, जामफली बाईं, काली बाई, गीता बाई, रामप्यारी बाई, रामजानकी बाई, आरती बाई व युवा मंच के हरिओम सहरिया, निरमा, सोनू ने बताया कि इन दोनों गांवो में मनरेगा बंद होने के कारण श्रमिक बेरोजगार बैठे हुए है। इन लोगो ने कई बार ग्राम पंचायत को अवगत कराया मगर उसके बाद भी रोजगार नही मिल रहा है। इन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत में जाते है तो यह कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है बजट नही है। इस कारण मनरेगा बंद है। प्रस्ताव भेज रखा है। जैसे ही स्वीकृत होगा शुरू करवा दिया जावेगा। श्रमिको ने बताया कि मनरेगा के अलावा हमारे पास कोई काम नही है। खेतिहर का काम भी सीजन में ही चलता है। यही नही बहुत से श्रमिको के 100 दिन होने के बाद काम नही दिया जा रहा है। जबकि पूर्व में मनरेगा में सहरिया समुदाय को 200 दिन की मजदूरी मिलती थी। मगर इस बार 100 दिन का ही काम दिया जा रहा है। इसको लेकर 2 फरवरी को मनरेगा दिवस पर जाग्रत महिला संगठन ने किशनगंज व शाहाबाद में 100 दिन के अतिरिक्त 100 दिन की मजदूरी देने को लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम विकास अधिकारी को ज्ञापन दिया था। उसके बाद हमारी मांग नही मानी गयी है। इस कारण सहरिया व खेरुआ समुदाय को 100 दिन अतिरिक्त मजदूरी नही मिल रही है। संकल्प सोसायटी के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश सेन ने विकास अधिकारी से गोरधनपुरा व माधोपुर में मनरेगा शुरू करने की मांग की है।
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