कक्षा 11वीं एंव 12 वीं में चित्रकला का विद्यार्थी रहा हूं। 12 वीं बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा (चित्रकला) में मेरे बने चित्र देखकर एक्जामिनर बहुत खुश हुए। उसके बाद सन् 2007-08 में राजकीय कला महाविद्यालय कोटा में बीए प्रथम वर्ष में नियमित रूप से प्रवेश लिया।
महाविद्यालय में मेरे चित्र देखकर चित्रकला व्याख्याता महोदया इतने प्रभावित हुए कि मेरी फाइल में से चित्र निकाल कर अपने साथ घर ले गए । मेरी चित्रकला में काफी रुचि थी लेकिन अफसोस कि किसी कारणवश मैं बीए का रेगुलर विद्यार्थी नहीं रहा और शिक्षक प्रशिक्षण (BSTC) प्राप्त करने लग गया। वहाँ भी जब मौका मिलता तो चार्ट मॉडल बनाने के बहाने अपनी चित्रकारी कि हसरत पूरी कर लेता।
मुझे शिक्षक बने 6 साल हो गये हैं।
आज (24/03/2021) मेरे विधालय की छात्राओं के आग्रह पर मैंने मीना मंच के लिए उन्हें चित्रण सिखाया और साथ ही मैंने भी एक चित्र बनाने का प्रयास किया। ये चित्र मैंने सिर्फ 30 मिनट में बनाया जिसकी मेरे स्टाफ वालों और सबने ने बहुत प्रशंसा की। इस प्रशंसा ने मेरा बहुत मनोबल बढ़ाया है। मैं सबका आभारी हूं। आप भी इसे देखिए और बताये कैसा है?
– चन्द्र प्रकाश नागर निवासी जरगा तह खानपुर जिला झालावाड़ (राजस्थान)
अध्यापक तृतीय श्रेणी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हालिहेड़ा (मरायता) झालावाड़
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