मागंरोल के अरशद मुस्तफा ने बताये श्योपुर बाढ़ के हालात

Sufi Ki Kalam Se

श्योपुर मे आयी हुई भयंकर बाढ़ के पीछे की वजह के बारे मे जब वहा के लोगो से पूछा गया तो बोले हमारे बाप दादाओ ने कभी एसी तबाही नही देखी ।
जब कुछ रिश्तेदारो से पूछा तो बोले की हम सुबह की चाय पी रहे थे तो अचानक पानी बढ़ने लगा।
हमारा मकान उँचाई पर था हमने कभी सोचा ही नही था की ये भी हो सकता हे के हमारे घरो तक पानी आ जाए।
ना किसी तरह का प्रशासनिक ऐलान ना चेतावनी ना कुछ ।
सारी बर्बादी का जिम्मेदार वहा का प्रशासन हे,
वो चाहते तो जान माल का नुक्सान होने से बचा सकते थे लेकिन ना तो कोई चेतावनी न कुछ बस सब बर्बाद हो गये।
300 F I R श्योपुर थाने मे हे जिनके घर वाले गुमशुदा हे ओर 20 से ज्यादा डेड बॉडी मिल चुकी है। सेकड़ों गायें भेसें श्योपुर के रस्ते के दोनो तरफ मरी हुई हैं।
आज मे लुहाड़ गया था वहा सिर्फ 10 घर बाकी हे जो गिरे नही बाकी सब बर्बाद हो चुका है ओर ऐसे 10 से 15 गाँव है जो पूरी तरह बर्बाद है।
ललितपुर, लुहाड़, बसूण, राड़ेप, बडौदा
ये सिर्फ प्रशासन की बिना चेतावनी की वजह से हुआ है। और फिर बाढ़ के 7 दिन बाद तक भी ना कोई सफ़ाई ना खाने की ना पीने के पानी की व्यवस्था की गयी।
अगर सामाजिक संघटन ओर तन्ज़ीमे ना मदद करे तो लोग भूख प्यास से मर जाते। ऐसे हालात में mp के हमारे सिख भाईयो की दाद देनी पड़ेगी जो रोजाना छोटे गांवो मे लंगर चला रहे हैं।
वहा के लोगो का कहना हे की जब आवदा डेम ओवरफ्लो हो गया तो पानी की निकास के लिये उसके कच्चे किनारे से नाला किया गया तो वो पानी की वजह से ज्यादा मिट्टी कट गयी तो प्रशासन को लोगो को पहले ही चेता देना चाहिये था की कुछ भी हो सकता है तैयार रहे लेकिन कोई चेतावनी नही दी गयी। लोगो का लाखो का समान, अनाज इत्यादि सब खराब हो गया।
ललितपुरा के एक आदमी ने बताया की हम 50 साल पीछे चले गए।
(मेरी खुद की ली गयी जानकारी के मुताबिक, वहां जाकर देखने के बाद, और सबसे पुछ ताछ करने के बाद ये लिखा है।)
– अरशद मुस्तफा


Sufi Ki Kalam Se

13 thoughts on “मागंरोल के अरशद मुस्तफा ने बताये श्योपुर बाढ़ के हालात

  1. Pingback: tender piano jazz
  2. Pingback: aksara178
  3. Pingback: สีทนไฟ
  4. Pingback: xo666
  5. Pingback: eat pussy
  6. Pingback: nutritional shake

Comments are closed.

error: Content is protected !!