सऊदी अरब से आने वाली आक्सीजन पर कैमिकल लोचा का शिकार क्यों हो रहे हैं मुस्लिम युवा?
आजकल हमारा देश भारत, आक्सीजन की कमी से जूझ रहा है जो जगज़ाहिर है। कई देशों से मदद की पेशकश भी हो रही है जो स्वागत योग्य है क्योंकि मुसीबत में एक देश ही दूसरे के काम नहीं आएगा तो कौन आएगा? आज हर देश किसी ना किसी की किल्लत से जूझ रहा है और उसके आसपास वाले देशों से जो बन पड़ रहा है वह मदद कर रहा है। जिस तरह भारत देश, हमेशा दूसरे देशों की मुसीबत के समय किसी ना किसी तरह मदद करता आया है ठीक उसी तरह भारत में भी आक्सीज़न की कमी को दूर करने के लिए कई देश मदद को आगे आ रहे हैं। सब देश अपने अपने हिसाब से काम कर इस महामारी से निपटने में लगे हुए हैं।
इसी बीच भारत के अल्पसंख्यक समुदाय के कई युवा , सऊदी अरब से आई आक्सीजन को लेकर कैमिकल लोचा का शिकार हो रहे है। किसी भी पोस्ट को बिना सोचे समझे, बिना जांच पड़ताल के वाइरल कर देना हमारे देश के ज़ज्बाती युवाओं की पहचान रहा है। यह युवा वर्ग सऊदी से मिलने वाली आक्सीजन को मुहम्मद के शहर की शिफा, मुहम्मद के शहर की हवा, मदीने की हवा आदि बताकर धड़ल्ले से वाइरल कर रहे हैं। फेसबुक, वाट्स अप, ट्विटर, इंन्स्टा हर जगह ऐसे मेसेजेस की भरमार है। शायद इन युवाओं को यह भी नहीं पता कि कृत्रिम रूप से बनाई गई आक्सीजन और प्राकृतिक हवा में काफी अन्तर होता है। और दूसरी बात यह है कि हवा कृत्रिम हो या प्राकृतिक, ये दो देशों के बीच होने वाला एक समझोता है जो दो देशों के बीच होने वाली विदेश नीति का हिस्सा होता है। इसका धर्म, जाति या समुदाय से कोई लेना देना नहीं होता है। ऐसे में सोशल मीडिया पर युवाओं का इस तरह प्रचार करना अपनी बेवक़ूफ़ प्रदर्शित करने से ज्यादा कुछ नहीं है। फिर इस बिना हाथ पैर वाली बात को धर्म से जोड़ देना और वो भी इस्लाम के आखिरी पैग़म्बर साहब से, तो यह तो नीरी मूर्खता समझी जानी चाहिए।
समय रहते मुस्लिम धर्मगुरूओं और ऐसे युवाओ के माता पिता को मामले का संज्ञान लेते हुए उन्हें ऐसा करने से रोकना चाहिए। और सिर्फ उन्हें ही नहीं बल्कि हर धर्म के, हर समुदाय के लोगों विशेष रूप से युवाओ को चाहिए कि वो बिना सच्चाई जाने किसी भी पोस्ट को वाइरल करने से बचे। अफवाहों को फैलने से रोकना भी देश हित का काम होता है जिसे हर नागरिक को जिम्मेदारी से निभाना चाहिए।
– नासिर शाह (सूफ़ी)
12 thoughts on “सऊदी अरब से आने वाली आक्सीजन पर कैमिकल लोचा का शिकार क्यों हो रहे हैं मुस्लिम युवा?”
Comments are closed.