मास्क क्यों जरूरी है?
जब कोई कोविड मरीज होता है तब उसकी सांसों में से और छींक खांसी से वायरस बाहर आते हैं और बाहर आकर हवा में रहते हैं। सतह से वायरस फैलने की अधिक संभावना नहीं है पर जिस जगह मरीज रहता है उस जगह हवा से फैलने की बहुत संभावना होती है। घर आपस में चिपके चिपके होते हैं ऐसे में एक खिड़की से हवा निकल कर पास के घर में जाती है उससे भी लोग चपेट में आते हैं। 9-10 दिन तक वायरस शरीर में एक्टिव होता है और तब तक यह फैलता है, इसके बाद वायरस डेड है जो इतना खतरनाक नहीं है। हमे पता नहीं होता किस जगह से मरीज गुजरा और किस जगह की हवा में वायरस है।
अगर मरीज के मुंह पर मास्क लगाया जाए और दूसरे लोग भी अच्छे से मास्क पहने तो वायरस भीतर आने का खतरा बहुत कम होता है हालांकि तब भी खतरा होता है पर कम होता है क्योंकि मरीज के मुंह पर मास्क लगा दिया तो कम वायरस बाहर आएंगे क्योंकि निकलने की जगह कम है अब कम वायरस बाहर निकले और सामने वाले ने भी मुंह पर मास्क लगा रखा है तो कम में से भी कम अंदर जाएंगे और जितने कम वायरस अंदर जायेगे आदमी उतना कम गंभीर पीड़ित होगा। एक साथ बड़ी तादाद में वायरस जायेगे तो ज्यादा पीड़ित होने की संभावना है इम्युनिटी को इतने सारे वायरस से लड़ना होगा उस पर इतना ज्यादा लोड आएगा।
आप सोचिए पुलिस को चार डकैतों से लड़ना आसान होगा या चार सौ डकैतों से लड़ना आसान होगा? चार सौ डकैत मारने के लिए पुलिस फोर्स भी ज़्यादा चाहिए। जितने वायरस अंदर जायेगे उतनी इम्युनिटी खर्च होगी।
मास्क इसमे सबसे ज़ोरदार हथियार है और हम मास्क से ही भागते हैं। दस बीस रुपए रोज़ के मास्क हमारा लाखो का धंधा चौपट होने से बचा सकते हैं।
– शादाब सलीम (एडवोकेट मध्य प्रदेश हाई कोर्ट)
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