सूफ़ी की क़लम से…✍🏻
“आओ चले..उल्टे क़दम, कुछ क़दम बीसवीं सदी की ओर “
भाग- 9 “खाद्य तेल (कच्ची घानी/ रिफाइंड)“
शुरुआती दौर से ही खाद्यान्न फसलों को उगाकर, फिर कच्ची घानी में ले जाकर उनका तेल निकाला जाता था और लोग वही जाकर अपनी आँखो देखा तेल और जानवरों के लिए उसकी ख़ली लेकर जाते थे लेकिन फिर वक्त बदला और लोगों के पास कच्ची घानियों में जाने का समय नहीं रहा और वो सीधे बाजार में उपलब्ध चमकदार सीलबंद डिब्बे या पीपे खरीदकर लाने लगे । धीरे धीरे इन डिब्बाबंद खाध तेलों ने संपूर्ण बाजार पर कब्जा जमा लिया और कच्ची घानियाँ बंद होते होते लुप्त हो गईं ।
कच्ची घानी:- वक्त ने फिर करवट बदली और लोग डिब्बाबंद तेलों से ऊबने लगे क्यूंकि डिब्बाबंद खाध तेलों में लगातार मिलावट और गुणवत्ता की कमी ने लोगों को निराश कर दिया और लोग फिर से कच्ची घानियों की तरफ़ लौटने लगे । कच्ची घानी तेल पारंपरिक ठंडी दबाव (कोल्ड प्रेस) विधि से निकाला जाता है, जिसमें किसी रसायन या अत्यधिक तापमान का उपयोग नहीं होता।कच्ची घानी तेल एंटीऑक्सीडेंट और हेल्दी फैटी एसिड से भरपूर होने के कारण हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
इक्कीसवीं सदी की सिल्वर जुबली आने तक फिर से कच्ची घानियाँ स्थापित होने लगी और दिन ब दिन इनकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जो अच्छी जीवनशैली के लिए अच्छा संकेत है । हो सकता है आप में से भी ज्यादातर लोग कच्ची घानियों से जुड़ चुके होंगे और अगर नहीं जुड़े तो एक बार ज़रूर कच्ची घानी पर जाए और थोड़ा वक़्त वही ठहर कर अपनी आँखो से तेल निकलता हुआ देखे और फिर ख़रीद कर लाए । उस तेल को इस्तेमाल करने के बाद डिब्बाबंद तेल और कच्ची घानी के तेल में स्वाद को महसूस कर दोनों का अंतर समझने की कोशिश करें । हालाँकि बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच कई कच्ची घानियों पर भी अच्छा तेल नहीं मिलता है तो पहले ये सुनिश्चित करें कि जहाँ आप जा रहे हैं वह ईमानदार और काम के प्रति समर्पित हैं या नहीं हैं ।
जैविक कच्ची घानी:- अगर आप कच्ची घानियों तक पहुँच चुके हों तो कोशिश करें कि वहाँ आने वाली खाद्यान्न फ़सले की जानकारी प्राप्त करें और अगर आसपास किसी घानी पर जैविक फ़सले आती हैं तो वही से तेल ख़रीदे,हालाँकि ये काफ़ी मुश्किल है क्योंकि जैविक फ़सले इतनी आसानी से हर जगह मिलना काफ़ी मुश्किल है लेकिन अगर आपको जैविक फसलों का ही तेल प्राप्त करना है तो थोड़ी मेहनत आप ख़ुद करके जैविक फसलों को खोज कर लाए और उसे लेकर कच्ची घानी जाए और अपनी आँखों के सामने उसका तेल निकलवा कर लाए । अगर ये सब आप कर पाते हैं तो आपकी मेहनत को सलाम 🫡 । जैविक फसलें प्राप्त करना ज़्यादा मुश्किल काम भी नहीं है क्यूंकि आजकल जैविक खेती का रकबा भी लगातार बढ़ रहा है इसके लिए आप हमारे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर जैविक खेती के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं ।
रिफाइंड तेल :- रिफाइंड तेल रसायनों और उच्च तापमान के उपयोग से तैयार किया जाता है, जिससे अशुद्धियां, रंग और गंध हटाई जाती हैं। इसमें रिफाइनिंग प्रक्रिया के कारण विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट जैसे प्राकृतिक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। जबकि कच्ची घानी तेल पोषण से भरपूर होता है और इसमें हेल्दी फैटी एसिड, विटामिन, और मिनरल्स अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
निष्कर्ष:- रिफाइंड तेल लंबे समय तक खराब नहीं होता, जबकि कच्ची घानी तेल जल्दी खराब हो सकता है। इसे ठंडी और सूखी जगह पर रखने की आवश्यकता होती है और रिफाइंड तेल कच्ची घानी तेल की तुलना में सस्ता होता है, जबकि कच्ची घानी तेल उत्पादन में अधिक श्रम और संसाधन मांगता है, जिससे यह महंगा होता है लेकिन यदि स्वास्थ्य प्राथमिकता है, तो कच्ची घानी तेल का उपयोग करना फायदेमंद है, क्योंकि यह प्राकृतिक और पोषक तत्वों से भरपूर है। तो आइए एक बार फिर से कोशिश करें और तेलों के मामले में भी उल्टे क़दम चलकर कच्ची घानियों के तेल का स्वाद भी चख लिया जाए ।
मिलते हैं अगले भाग में ।
आपका सूफी

You’re soo interesting! I do nnot think I’ve reead through a single
thing like that before. So wonderful too discovedr another
perswon with some uniqque thgoughts onn thbis topic. Really..
maany thanks for starting thbis up. Thiis website is something that’s needed oon thhe internet, someone with some originality!
Doess your websiote have a cojtact page? I’m having a tough
ttime locating it but, I’d ike to hoot you an email.
I’ve got some ideas forr your blog you might be interestd iin hearing.
Eithber way, great websitte and I look forward too seeing it improve over time.
Verry great post. Ijust stumbled upon your webloig andd wishhed tto
say thazt I hace trduly enjoyued surfing aroujnd your bloig posts.
After all I wil bbe subscribing on your fsed annd I hope you rite once more soon!
Its not my first time to pay a quick visit this web site, i am browsing this website dailly and get nice data from here everyday.
I llove what yyou gus arre usuaoly up too. This sort of clever work andd
exposure! Keeep up the vsry goopd wors guys I’ve included
you gujys too my personnal blogroll.
I have beesn surfing on-line ore than three hourss
lately, but I byy noo means fouund anny interestinng aricle likie yours.
It iss locely worgh sufficient for me. Personally, if all ssite owners
annd bloggers made goold colntent as yyou probably did, the internet miggt bbe much mpre usefful thn ever before.
Along with every thing which appears to be building throughout this specific subject material, many of your points of view are relatively refreshing. However, I am sorry, but I do not give credence to your entire strategy, all be it stimulating none the less. It would seem to us that your remarks are actually not completely rationalized and in reality you are your self not even completely convinced of the assertion. In any case I did take pleasure in examining it.
Glad to be one of the visitors on this awesome web site : D.