अपने लिए तो सब जीते हैं,
चलो दूसरों के लिए भी कुछ किया जाए

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अपने लिए तो सब जीते हैं
चलो दूसरों के लिए भी कुछ किया जाए
जिंदगी एक अनमोल तोहफा है, जिसे हर इंसान अच्छे से अच्छा जीना चाहता है। दूसरी तरफ, इसमे भी कोई शक नहीं कि इंसान को हर तरह के ऐश ओ आराम मिलने के बाद भी उसकी इच्छाएं खत्म होने की जगह बढ़ती ही चली जाती है। इंसान अपनी तरक्की के लिए हर तरह के प्रयास करने की कोशिश करता है, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने साथ साथ दूसरे की खुशियों का भी खयाल रखते हैं। अपने लिए तो सब, कुछ ना कुछ करते हैं लेकिन कभी कभार दूसरों के लिए भी कुछ भलाई का काम करना, एक अलग ही सुकून का एहसास कराता है।
अगर इस नेक काम को धार्मिक दृष्टिकोण से देखे तो इस्लाम धर्म में इसे सदका और हिन्दू धर्म में इसे पुण्य कहा जाता है। इसके अलावा भी हर धर्म में इस महान काम के लिए उचित स्थान है।
यह भी जरूरी नहीं कि दूसरों की मदद पैसों से ही की जा सकती है। हालांकि आर्थिक मदद काफी उपयोगी साबित होती है लेकिन हर इंसान इस तरह की मदद करने में सक्षम नहीं होते इसलिए दूसरों की मदद और भी कईं तरह से की जा सकती है।

शिक्षा देना या दिलवाना :-
शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो इंसानो को इंसान बनाता है। ऐसे में समाज के शिक्षित लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि जो शिक्षा से वंचित है उन्हें शिक्षा से जोड़ने का हर संभव प्रयास करे। अगर आर्थिक रूप से मदद नहीं कर सकते तो अपने जीवन का कुछ क़ीमती समय जरूरतमंद लोगों के लिए निकाले और उन्हें मुफ्त शिक्षा दे या शैक्षणिक काउंसलिंग करे या इस क्षेत्र में जो भी कर सकते हैं करे।

रोजगार देना या दिलवाना :-
शिक्षा के बाद रोजगार इंसानो की सबसे बड़ी समस्या है। ऐसे में अगर आप किसी को रोजगार देने मे सक्षम है तो ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को रोजगार से जोड़े और अगर रोजगार देने में सक्षम नहीं है तो अपने मिलने वालों के माध्यम से या स्वयं थोड़ी मेहनत करके लोगों को रोजगार से जोड़ने की कोशिश करे। यकीन मानिये काफी सुकून मिलेगा।

टूटे हुए रिश्तों को जोड़ने में मदद करे :-
शादी – विवाह इंसान के जीवन का अभिन्न अंग है लेकिन हमारे देश में कई लोगों के घर, छोटी छोटी बातों के विवादों पर बिगड़े हुए हैं। अगर हमारे आसपास ऐसे मामले है तो हमे सकारात्मक पहल कर रिश्ते जोड़ने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा कोई नए रिश्तों के लिए परेशान हो और हम उनकी मदद कर सकते हो तो उसमे भी मदद करनी चाहिए।

परामर्श शिविर का आयोजन करना :-
हमारे देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है लेकिन जानकारी के अभाव और अवसरों की कमी के कारण वह आगे नहीं बढ़ पाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या अधिक है, इसलिए जिस तरह सम्भव हो सके, अकेले या कुछ और लोगों की मदद से समय समय पर ग्रामीण क्षेत्रों में परामर्श शिविर का आयोजन कर देश के नौजवानों की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने मे मदद कर सकते हैं।

रक्तदान शिविर का आयोजन :-
वैसे तो रक्तदान शिविरों का आयोजन आए दिन देखने को मिलता है लेकिन उनमे से ज्यादातर शिविर, राजनीति से प्रेरित होने के कारण दिखावे तक सीमित रहते हैं। इस कारण जरूरत पड़ने पर लोगों को समय पर रक्त नहीं मिल पाता है इसलिए बिना दिखावे वाले और लोगों की जरूरतों को पूरा करने वाले रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाऐ।

बेजुबान जानवरों और परिंदों की मदद :-
मदद की जरूरत जितनी इंसानो को होती है उससे कई अधिक जानवरों और पक्षियों को होती है क्योंकि इंसान तो मुँह से मदद मांग सकते हैं लेकिन ये बेजुबान नहीं। इसलिए हमे आवश्यकतानुसार समय समय पर इनकी यथा संभव मदद करनी चाहिए। जैसे दाना पानी की व्यवस्था करना या घायल पशु पक्षियों को चिकित्सा देकर इन बेजुबानो की मदद की जा सकती है।

इन कामों के अतिरिक्त और भी कई तरह के छोटे बड़े काम है जिन्हें करके लोगों की मदद की जा सकती है, जैसे भूखे लोगों का पेट भरना, कपड़े दिलवाना, एंव अन्य मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना जैसे कई जनहित के काम करके हम पुण्य कमाने के साथ साथ एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य भी पूर्ण कर सकते हैं।

  • – नासिर शाह (सूफ़ी)

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