बोलते रहो बोलते ! मशहूर लेखक, ऐक्टिविस्ट भँवर मेघवंशी की शानदार कविता

बोलते रहो बोलते ! हम जानते हैं किबोलने की क़ीमतआज नहीं तो कलअवश्य चुकानी पड़ेगी.फिर भी…

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