योग (योग दिवस कविता)

Sufi Ki Kalam Se

योग करें सब योग करें
शरीर को निरोग करें

सुबह-सुबह जो करता योग
जीवन भर रहता निरोग

शरीर को रोग मुक्त बनाना है
तो योग को जीवन में अपनाना है

महर्षि ने दिया है यह ज्ञान
लंबी आयु का यह वरदान

आओ एक अलख जगाए
जीवन में योग अपनाए

योग से होता तन- मन स्वस्थ
नहीं होता इससे कुछ कष्ट

जब श्वास -प्रश्वास के साथ
मस्तिष्क स्थित हो जाता है
तो मन प्रफुल्लित हो जाता है
यह सब योग से संभव हो पता है

आलस को भगाना है
तो योग को अपनाना है

शरीर मन का जब होता योग
बीमारियों का हो जाता वियोग

आओ हम सब मिल करें योग
यह है जीवन का सदुपयोग

रश्मि नामदेव शारीरिक शिक्षिका एवं सेल्फ डिफेंस मास्टर ट्रेनर, जिला, कोटा, राजस्थान


Sufi Ki Kalam Se

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!