सूफ़ी की क़लम से…✍🏻21 वीं सदी की सिल्वर जुबली में आपका स्वागत है। 2025 में चलिए उल्टे क़दम …🏃🏻‍♂️कुछ कदम बीसवीं सदी की ओर 🏃🏻‍♂️‍➡️

Sufi Ki Kalam Se

सूफ़ी की क़लम से…✍🏻
21 वीं सदी की सिल्वर जुबली में आपका स्वागत है
2025 में चलिए उल्टे क़दम …
🏃🏻‍♂️कुछ कदम बीसवीं सदी की ओर 🏃🏻‍♂️‍➡️

अगर आपका जन्म 2001 के बाद हुआ है तो आप पूरी तरह से इक्कीसवी सदी के हो और आपने हर चीज काफ़ी अपडेट देखी है लेकिन अगर आप सन 2001 के पहले पैदा हुए हो तो आपने 20 वीं और 21 वीं दोनों सदी का आनंद लिया है तो आप आसानी से नए और पुराने दौर में अंतर समझ सकते हो ।
मसला यह नहीं है कि आप किस सदी में पैदा हुए हो! मसला यह है कि आप वर्तमान में किस दिशा में जा रहे हो और जिस तरह जा रहे हो, वह कितना उपयोगी और अनुपयोगी है! हम इक्कीसवीं सदी की सिल्वर जुबली तक पहुँच चुके हैं जहाँ हर चीज़ काफ़ी आसान हो चुकी हैं । स्मार्टफोन से लेकर आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस तक आ चुके है । हर काम मशीन पर निर्भर होता जा रहा है, जिससे ना सिर्फ़ रोजगार पर प्रभाव पड़ा है बल्कि स्वास्थ्य स्तर में भी भयंकर गिरावट आई है । एक तरफ़ तो हम इतना आगे बढ़ चुके हैं कि घंटों का काम मिनटों में हो रहा हैं वो भी नाममात्र शुल्क में, तो दूसरी और पूर्व में जो आसान काम थे वो अब काफ़ी मुश्किल हो चुके हैं जैसे शुद्ध ख़ान पान, आबो हवा, रहन सहन आदि जो ना सिर्फ़ आम आदमी की पहुँच से दूर हैं अपितु काफ़ी महंगे भी हैं जो पहले की तुलना में कई अधिक हैं ।
हम हर वर्ष कई योजनाएं बनाते है कि इस साल ये करेंगे, वो करेंगे लेकिन जनवरी ख़त्म होते होते सारी योजनाएं औंधे मुँह गिर जाती हैं । एक बार फिर नया साल हमारे सामने सीना तान के खड़ा है और ये इस सदी का विशेष वर्ष हैं क्यूंकि इस वर्ष हम, इक्कीसवीं सदी की सिल्वर जुबली वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं ।
अगर आप चाहते है कि इस बढ़ते प्रतिस्पर्धात्मक दौर में हम अपने स्वास्थ्य को मेंटेन करते हुए दुनिया की दौड़ में बराबर से भागीदार बनें रहे तो उसके लिए हमें कुछ क़दम पीछे चलना होगा ।
सुनने में भले ही आपको अजीब लगे कि आधुनिक दुनिया में हर कोई आगे बढ़ रहा है और आप पीछे आने की बोल रहे हैं तो ज़्यादा हैरान होने की ज़रूरत नहीं है । हमने बढ़ती तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया है और कर रहे हैं लेकिन इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हर तकनीक हमारे लिए उतनी उपयोगी भी नहीं रही हैं जितनी हमने अपेक्षा की थी । हमने कई पुरानी चीज़ों को छोड़कर नई चीज़ों को अपनाया जिससे हमारा काम थोड़ा आसान ज़रूर हुआ लेकिन उसके लिए हमें हमारी सेहत के साथ काफ़ी खिलवाड़ भी करना पड़ा है ।अगर समय रहते हमने इसमें सुधार नहीं किया तो जमाना तो बहुत एडवांस हो ही जाएगा लेकिन उसका उपभोग करने के लिए हम इस दुनिया में नहीं होंगे क्यूंकि गिरता स्वास्थ्य स्तर हर देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है । हमारे देश में आए दिन अटैक और अन्य बीमारियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है और इन गंभीर बीमारियों से युवा वर्ग भी जूझ रहा है । इस गिरते स्वास्थ्य स्तर का विश्लेषण किया जाए तो मुख्य कारण ख़राब दिनचर्या और ख़ान पान आता है जिसे हमने जानबूझकर बिगाड़ लिया है । समय रहते अगर इस ख़राबी को दूर नहीं किया गया तो भविष्य में इसके घातक परिणाम भुगतने होंगे । इसलिए आइए कुछ क़दम वापस पीछे चलें जहाँ हमारे बुजुर्गों ने हमारे लिए बहुत विरासते छोड़ी हैं जिन्हे अपनाकर हम फिर से अपनी ज़िंदगी को खुशहाल बना सकते हैं । थोड़ा सा अतिरिक्त प्रयास, हमें फिर से नई ताजगी और नया अहसास देगा।

इक्कीसवीं सदी की सिल्वर जुबली के अवसर पर एक अभियान शुरू करने की कोशिश कर रहा हूँ जिसमें नियमित रूप से एक एक ब्लॉग रोज़ाना पोस्ट किया जाएगा ।ब्लॉग में हम बात करेंगे कि कौनसी नई तकनीक या वस्तुएँ हमारे हित में हैं और उसके क्या फायदे और कौनसे साइड इफ़ेक्ट है। इस मुहिम का नाम हमने “आओ चले..उल्टे क़दम, कुछ क़दम बीसवीं सदी की ओर “ रखा है, अगर आपके पास इस अभियान का कोई अच्छा सा नाम या कोई सुझाव हो तो ज़रूर बताए ।
इस अभियान के तहत प्रतिदिन शाम छह बजे बाद, एक छोटा सा आर्टिकल प्रकाशित होगा जो उस विषय पर संक्षिप्त किंतु सारगर्भित होगा। उम्मीद करते है कि ये मुहिम हम सब के लिए रोचक और काफ़ी उपयोगी होने वाली है तो जुड़े रहिए हमसे हमारी ब्लॉग साईट sufikikalamse.com से और रोजाना सबसे पहले ब्लॉग पढ़ने के लिये हमारे व्हाट्सएप चैनल को जॉइन कर लें ताकि आपको ब्लॉग पोस्ट होते ही नोटिफिकेशन मिल जाए । (व्हाट्सएप 9636652786)
और भी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए आप हमें sufi ki Qalam se नाम से youtube,फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फॉलो कर सकते हैं । मिलते हैं कल, इस अभियान के पहले भाग में 👍
आपका सूफी …✍🏻


Sufi Ki Kalam Se

12 thoughts on “सूफ़ी की क़लम से…✍🏻21 वीं सदी की सिल्वर जुबली में आपका स्वागत है। 2025 में चलिए उल्टे क़दम …🏃🏻‍♂️कुछ कदम बीसवीं सदी की ओर 🏃🏻‍♂️‍➡️

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