प्राण खान उर्फ जीव खान ब्लॉग
एक साल में कितने नए साल?
आज फिर से पूरे देश में नववर्ष की धूम है। सोशल मीडिया पर बधाईयों का सिलसिला आम है। प्राण खान ने मेरे घर आकर आकर बधाई देते हुए पूछा कि एक साल में कितने नए साल आते हैं सूफ़ी साहब? अभी कुछ दिन पहले ही तो जनवरी में नया साल निकला था औए अब ये एक और नया साल आ गया और कुछ महिनों बाद, जनवरी से पहले ही एक और नया साल आ जाता है? आखिर एक साल में कितनी बार नए साल आते हैं?
मैंने अखबार नीचे करते हुए कहा “भाई ऐसा है हमारे देश में कई धर्मों के मानने वाले लोग रहते हैं और सब के धर्मों के अनुसार अपना अपना नववर्ष होता है। ये वाला नववर्ष हिन्दू धर्म का नव वर्ष है, और मोहर्रम वाले महीने में मुस्लिम अपना नववर्ष मनाते हैं..”
तो फिर जनवरी वाले नए साल को भी तो हिन्दू और मुसलमान दोनों समाज के लोग मनाते हैं क्या यह दोनों का सयुंक्त रूप से नया त्यौहार है?”
मेरे जवाब के पूरा होने से पहले ही प्राण खान उर्फ जीव खान ने अपना अगला सवाल दाग दिया।
“वो बात दरअसल यह है कि एक जनवरी वाला नया साल ना हिन्दुओ का है और ना ही मुसलमानों का, वह नया साल अंग्रेजो का है लेकिन हमारे देश में विभिन्न समुदाय के लोग सभी धर्मों के त्योहारों को मिलकर मनाते हैं इसलिए अँग्रेजी नववर्ष को भी सभी देशवासी मिलकर मनाते हैं..”
” एक मिनट, एक मिनट ! मैंने अँग्रेजी नव वर्ष को तो सभी धर्मों के लोगों को मनाते देखा है लेकिन हिन्दू और मुसलमानो के नववर्ष तो वो खुद ही मनाते हैं, इसमे मैंने कभी एक दूसरे को, एक दूसरे के प्रोग्राम में शामिल होते नहीं देखा? इस बार तो हिन्दू नववर्ष और पवित्र रमजान का महीना भी एक साथ आया है, फिर भी कोई विशेष बदलाव देखने को नहीं मिला है। “
प्राण खान ने हिन्दू मुस्लिमों के बीच बढ़ती दूरियों पर ऐसा व्यंग्य किया जिसका मेरे पास कोई जवाब नहीं था। मैंने चुपचाप अखबार ऊपर कर, फिर से पढ़ना शुरू कर दिया। मेरी खामोशी पर प्राण खान ने भी कुछ नहीं कहा शायद वह भी इस बात को समझ चुके थे।
नासिर शाह (सूफ़ी)
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