सुल्तान की क़लम से………ढूंढाड़ + आमेर= जयपुर शहर

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सुल्तान की क़लम से………
ढूंढाड़ + आमेर= जयपुर शहर

  • जब – जब भी राजस्थान का नाम आता है तो किलो का जिक्र जरूर होता है, बीते वर्षों की ट्रेड पर नजर डालें तो आमेर दुर्ग न केवल विदेशी पर्यटकों को बल्कि हरियाणा, पंजाब और दिल्ली से आने वाले यात्रियों के बीच भी पसंदीदा पर्यटन स्थल बन चुका है, राजस्थान का हृदय कहलने वाला जिले के नाम से मशहूर शाहर – अजमेर है तो दूसरी तरफ राजस्थान का मस्तिष्क कहलने वाला जिला – जयपुर सिटी है, जिसे लोग पिंक सिटी यानी गुलाबी नगरी के नाम से याद करते है l
    •और कहां जाता है, कि वास्तु शास्त्र के अनुसार भारत का प्रथम शहर – जयपुर को बताया गया है,
    तो !
  • आइए आज हम वर्तमान विश्व धरोहर सूची में शामिल, भारत के राज्य – राजस्थान की राजधानी- जयपुर शहर से लगभग मुख्य 10 से 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित “आमेर दुर्ग या अंबेर दुर्ग” की बात करते है l
    घोड़े वाले बाबा कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार मीणाओ का उत्पन्न स्थान कालि खो पहाड़ी को बताया गया है इसलिए इस पहाड़ी पर आमेर दुर्ग का निर्माण – मीणाओ द्वारा करवाया गया है l जो आगे चलकर 16वीं शताब्दी में राजपूत – मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण रहा है l
  • आमेर किला यहां पर बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने वाला स्थल माना जाता है l
    इतिहासाकार विश्व हैबर ने लिखा है, कि यह दुर्ग क्रेमलिन व अल्ब्रह्मा से भी बेहतर हैl
  • इस दुर्ग को ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए मानसिंह व भारमल आदि का काफी सहयोग रहा हैl
    इतिहासाकार डॉ. राजीव नयन प्रसाद लिखते है, कि मानसिंह एक सच्चे व्यक्ति थे उनकी सभी देवी देवताओं में गहरी आस्था थी कहा जाता है, कि इन्होंने आक्रांताओं की एक लाख से ज्यादा सेनाओ का मुकाबला किया था l
    • राजा सवाई जयसिंह के समय औरंगजेब के पुत्र – मुअज्जम आमेर का राजा बना जो की बहादुर शाह के नाम से आमेर किले का बादशाह बना और आमेर किले को अपने अधीन करके आमेर रियासत का नाम परिवर्तित कर ‘ मोमीनाबाद’ कर दिया l
    काली खो नामक पहाड़ी पर पर्वतीय दुर्गा आमेर किले का निर्माण 1207 ईस्वी में मीणाओ द्वारा करवाया गया था, इस किले को हल्के पीले और गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बनाया गया है, यह किला अपनी जटिल नकाशीदार ,डिजाइनों, विशाल प्रगणों और सुंदर उद्यानों के लिए जाना जाता है, इस किले में राजपूत व मुगल वास्तुकला का मिश्रण है, इस किले को अमरपुरा ,अमरगढ़, वह अम्बावती के नाम से भी जाना जाता है l
  • दुर्ग के अंदर प्रवेश –
    दुर्ग के अंदर आमेर किले का सबसे सुंदर दरवाजा – “गणेश पोल” से प्रवेश करते है, इस दरवाजे को राजा महाराजाओं के जमाने में राज्य की सुरक्षा के लिए बनवाया गया था, गणेश पोल दरवाजे का निर्माण कार्य – राजा जयसिंह ने करवाया, इस दरवाजे के बारे में इतिहासकार – फर्ग्यूसन यह कहता है, कि यह दरवाजा दुनिया का सबसे सुंदर दरवाजा है l
  • किले के अंदर दीवाने आम (सार्वजनिक दर्शन हॉल) व दीवाने खास यानी निजी दर्शन हॉल और सुख निवास आदि मौजूद हैl
    दुर्ग के अंदर कदमी महल जिसका निर्माता – कछवाह के शासक – रामदेव ने करवाया और इसी महल में राजाओं का राजतिलक होता था जो की बागड़ी के जैतावत करते थे l
  • किले के अंदर एक जगत शिरोमणि मंदिर है जो सवाई मानसिंह की पत्नी – कनकावती ने अपने बड़े पुत्र – जगत सिंह की याद में बनवाया, इस मंदिर के अंदर कृष्ण जी की मूर्ति लगी हुई है, जिसकी बचपन में मीरा पूजा करती थी इसलिए इसे मीरा मंदिर भी कहते है
  • किले के अंदर एक बड़ा सा चबूतरा जिसे – जलेबी जुड़ा चौक बोलते है, जिसमें शिला माता का मंदिर स्थित है
  • उनकी इस मूर्ति को मानसिंह बंगाल से लेकर आया था, यह कछवाह शासको की – आराध्य देवी मानी जाती है जो की अष्टभुजाकार है , इसका मेला साल में दो बार लगता है, इस मंदिर में संगमरमर का कार्य – मानसिंह द्वितीय ने करवाया l
  • और एक खास बात इसी मंदिर के समीप हिंगलाज माता का मंदिर है, जिसकी मूर्ति आमेर के मीणा बलूचिस्तान से लेकर आए थे l
  • वर्तमान में आमेर किले के किनारे माउठा झील है जिसमें हाल ही में राजस्थान पर्यटन विकास निगम ने आमेर आने वाले देश-विदेशी पर्यटकों को एक नया अनुभव देने की तैयारी शुरू कर दी करीब 12 साल बाद फिर से माउठा झील में वोटिंग की सुविधा शुरू की जा रही है l
  • विशेषज्ञ भगत सिंह लोहागढ़ ने कहा कि , आमेर को ‘ आइकोनिक आमेर’ बनना राज्य सरकार की प्राथमिकता है l
  • वर्तमान विश्व धरोहर सूची में शामिल आमेर दुर्ग के साथ-साथ जयपुर शहर का पारकोटा भी शामिल कर लिया गया है l
  • अन्य किले –
  • जयगढ़ दुर्ग –
    इस किले के अंदर दुनिया की सबसे बड़ी तोप ‘ जयबाण तोप’ व
    राजस्थान का सबसे बड़ा टांका भी इसी किले में स्थित है l
  • नाहरगढ़ दुर्ग –
    इस दुर्ग को टाइमर किले के नाम से याद किया जाता है, इसके अंदर सवाई माधोसिंह द्वितीय ने विक्टोरिया शैली में एक जैसे नौ महल बनवाए l
  • चोमू दुर्गा यानी धारदार गढ़ दुर्ग अवशेष मात्र ….l
  • नायला दुर्ग ….l
  • बोराज दुर्ग ….l
  • जोबनेर दुर्ग ….l
  • अचरोल दुर्ग….l
  • कालखा दुर्ग ….l
  • साईंवार्ड दुर्ग ….l
  • मोरिजा दुर्ग ….l
    और करुणासर का किला….l
  • मधोराजपुरा का किला आदि l
    •ऐसा माना जाता है, कि राजस्थान में सर्वाधिक दुर्ग जयपुर में स्थित है l
  • जयपुर के अन्य पर्यटक स्थलो में –
  1. हवामहल –
  2. जंतर मंतर –
  3. वेधशाला –
  4. सांभर झील –
  5. जल महल –
  6. एक मात्र कल्की का मंदिर –
  7. अल्बर्ट म्यूजम हॉल –
  8. सिसोदिया रानी का बाग –
  9. बिरला मंदिर –
  10. दरगाह – हजरत ख़्वाजा हिसामुद्दीन सोखता – आदि l

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