नवलगढ़ रोड़ की पानी निकासी समस्या समाधान मे कांग्रेस के दो नेताओं का सामुहिक प्रयास या फिर किसी एक नेता की प्रबल इच्छा का परिणाम।
( गेस्ट ब्लॉगर अशफाक कायमखानी)
राजस्थान के सीकर जिले की आठो विधानसभा सीटो से 2018 के विधानसभा चुनाव मे भाजपा की विदाई मे अहम किरदार निभाने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया के लोकसभा चुनाव-2019 का हार ने के बाद 2020 मे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व तत्तकालीन उपमुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के समर्थक विधायकों मे धड़ेबंदी के मध्य मचे राजनीतिक बवाल के बाद सीकर के लक्षमनगढ से विधायक गोविंद सिंह डोटासरा को शिक्षा मंत्री के साथ साथ ज्योही राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया त्यों ही उनकी राजनीतिक हाईट बढना शुरु होने का परिणाम अब जाकर साफ यह नजर आ रहा है कि सत्ता मे उनकी तूती बढचढ बोलने के साथ साथ उनके सामने जिले के अन्य नेता बोने नजर आने लगे है।
राजनीति के हिसाब से मजबूत माने जाने वाले सीकर जिले के जिला मुख्यालय स्थित नवलगढ़ रोड़ पर जरा सी बरसात होने पर भी रास्ते लबालब होने की गम्भीर समस्या सालो से मुहं बाये खड़ी थी। कल अचानक उक्त पानी निकासी समस्या के समाधान को लेकर राज्य सरकार द्वारा तेराह करोड़ की राशि स्वीकृत करके वित्तीय स्वीकृति जारी होने की जानकारी शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा द्वारा अपने ट्विटर के माध्यम से देने के बाद सीकर मे उनके समर्थक उन्हें बधाई व उनका आभार जताने लगे। उसके कुछ समय बाद ज्योहीं यह जानकारी तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी तो शहर विधायक राजेन्द्र पारीक ने नगरपरिषद मे सभापति जीवण खां के साथ प्रैसवार्ता करके उक्त बरसाती पानी निकासी समस्या समाधान को अपने प्रयासों की उपलब्धि बताते हुये अप्रेल माह मे नगरपरिषद सीकर द्वारा टेंडर जारी करके काम चालू करने को कहा। लेकिन इतना सबकुछ होने के बावजूद डोटासरा व पारीक समर्थक कार्यकर्ता देर रात तक अपने अपने नेता की सोशल मीडिया पर उक्त उपलब्धि बताते रहे। शिक्षा मंत्री डोटासरा का निवास भी इसी नवलगढ़ रोड़ पर स्थित है।
हालांकि जिले से दांतारामगढ़ विधायक विरेन्द्र सिंह, फतेहपुर विधायक हाकम अली व नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी को छोड़कर बाकी अन्य विधायक डोटासरा से काफी सिनीयर विधायक व कांग्रेस नेता है। वही विरेन्द्र सिंह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व मंत्री रहने के अलावा अनेक दफा विधायक रहने वाले चोधरी नारायण सिंह के पूत्र है एवं हाकम अली के भाई मरहूम भंवरु खां भी तीन दफा विधायक रहे थे। वही सुरेश मोदी के पिता मोहन मोदी भी विधायक रहने के अलावा उनके परिवार मे सांसद, विधायक व मंत्री रह चुके है। यानि उक्त तीनो विधायक चाहे पहली दफा विधायक बने हो लेकिन मजबूत राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते है। वही सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक, धोद विधायक परशराम मोरदिया अनेक दफा विधायक रहने के अलावा कांग्रेस सरकार मे मंत्री रहे है। श्रीमाधोपुर विधायक दीपेंद्र सिंह प्रदेश सरकार मे मंत्री व विधानसभा अध्यक्ष भी रहे है। यानि राजनीति के तौर पर मंत्री डोटासरा के मुकाबले अन्य सभी विधायक पहले से मजबूत राजनीतिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते है। वही कांग्रेस को समर्थन दे रहे खण्डेला से निर्दलीय विधायक महादेव सिंह केंद्र सरकार मे मंत्री व 2019 मे लोकसभा उम्मीदवार रहे सुभाष महरिया भी केंद्र मे मंत्री रहने के अलावा उनके ताऊ मरहूम रामदेव सिंह महरिया राज्य सरकार मे मंत्री व सात दफा विधायक रह चुके थे। लेकिन उक्त सबकुछ राजनीतिक हालात के अनुसार शिक्षा मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की कमजोर पारिवारिक राजनीतिक पृष्ठभूमि होने के बावजूद राजनीति मे एकदम से छलांग लगाने से वर्तमान राजनीतिक हालात मे उनकी तूती बढचढ कर बोल रही है।
कुल मिलाकर यह है कि सालो से नवलगढ़ रोड़ पर बरसाती पानी जमा होने की गम्भीर समस्या के दूर होने के लिये तेराह करोड़ की वित्तीय स्वीकृति मिलने से क्षेत्रवासियों मे खुशी की लहर दौड़ने लगीं है। वही इस समस्या के समाधान करने के लिये श्रेय लेने को लेकर मची नेताओं की आपसी होड की चर्चा भी अब आम आदमी की जुबान पर कायम है। विधायक पारीक समर्थक उन्हें विकास पुरूष बताते रहते है वही डोटासरा समर्थक उन्हे वर्तमान मे जिले का सबसे मजबूत व कद्दावर नेता बताने व साबित करने मे कोई चूक नही करते है।
– गेस्ट ब्लॉगर अशफ़ाक कायमखानी
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